जैविक खाद से दो एकड़ जमीन पर लहलहा रही सरसों की फसल Jamshedpur News

रासायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल कर अधिक पैदावार का लालच अब किसानों के बीच धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।

By Edited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 07:52 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 06:52 PM (IST)
जैविक खाद से दो एकड़ जमीन पर लहलहा रही सरसों की फसल Jamshedpur News
जैविक खाद से दो एकड़ जमीन पर लहलहा रही सरसों की फसल Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। रासायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल कर अधिक पैदावार का लालच अब किसानों के बीच धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। किसानों को यह बात समझ आ चुकी कि रसायन के ज्यादा इस्तेमाल से उनकी उपजाऊ जमीन धीरे-धीरे बंजर होती जा रही है और फसल भी पौष्टिकता खोती जा जा रही है। जैविक खेती की राह पर चलते हुए कुछ किसान मिसाल पेश कर रहे हैं।

बालीगुमा के गोड़गोड़ा में लहलहा रही सरसों की फसल

ऐसी ही एक मिसाल जमशेदपुर शहर से सटे गोड़गोड़ा, बालीगुमा स्थित ग्रीन ड्रीम फार्म में देखी जा सकती है जहां दो एकड़ जमीन पर सरसों की फसल जैविक खेती से लहलहा रही है। वैसे तो आसपास के क्षेत्र में कई स्थानों पर सरसों की फसल तैयार होने को है, लेकिन ग्रीन ड्रीम फार्म की फसल की बात ही कुछ और है। यहां खेती करने वाले किसान सेवानिवृत प्रो. जेरोम सोरेंगे कभी रासायनिक खाद व कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यहां सरसों के अलावा धान, मकई, आलू समेत अन्य साग-सब्जी की खेती की जाती है। यहां खेती के दौरान जैविक खाद का ही इस्तेमाल किया जाता है।

जैविक खेती कर मिसाल बने प्रो सोरेंगे

फार्म में समेकित कृषि करने वाले प्रो. सोरेंग आसपास के किसानों के साथ शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं। गौड़गोड़ा में ही ग्रीन ड्रीम फार्म के निकट आदिवासी किसान नरेश किस्कू जैविक खेती करते हैं। नरेश किस्कू की दो एकड़ जमीन पर भिंडी की खेती हो रही है। वे पिछले चार वर्षो से जैविक खेती ही कर रहे हैं। जैविक खेती के फायदे बताते हुए नरेश किस्कू ने बताया कि इससे कीटनाशक का इस्तेमाल किए बगैर फसलों में बीमारी नहीं फैलती है, जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती जाती है और फसल की कीमत भी अधिक मिलती है। जैविक खेती शुरू करने के बाद कृषि उत्पादनों की लागत में कमी आई है। इसकी पौष्टिकता भी प्राकृतिक रूप से भरपूर रहती है।

पैदावार बढी है। फसल की गुणवत्ता व पोषक तत्व भी बेहतर है। उन्होंने बताया कि जैविक खाद का इस्तेमाल कर धान के साथ सब्जी की खेती करते हैं। रासायनिक खाद व कीटनाशक के उपयोग से जहां पैदावार बढ़ता है, वहीं फसल में कई तरह के बीमारी भी होती है।

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