असम से लाए दो किलो काले धान के बीज, 15 बीघा में फैला

पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर से 25 किमी दूर पटमदा प्रखंड के आगुईडांगरा निवासी राकेश महंती आज जैविक खेती में महारत हासिल कर लिया है। यही कारण है कि वह धीरे-धीरे आज के समय वह 40 एकड़ जमीन पर जैविक खेती करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 06:19 AM (IST)
असम से लाए दो किलो काले धान के बीज, 15 बीघा में फैला
असम से लाए दो किलो काले धान के बीज, 15 बीघा में फैला

मनोज सिंह, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर से 25 किमी दूर पटमदा प्रखंड के आगुईडांगरा निवासी राकेश महंती आज जैविक खेती में महारत हासिल कर लिया है। यही कारण है कि वह धीरे-धीरे आज के समय वह 40 एकड़ जमीन पर जैविक खेती करते हैं। जो अपने आप में एक मिसाल है। राकेश महंती कहते हैं कि 2017 से वह किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2017 में आसाम गए थे। वहां के एक नागरिक ने उन्हें दो किलो काले धान का बीज दिया था और बताया था कि इसकी खेती आपके लिए और अन्य किसानों के लिए आर्थिक संपन्नता का मिसाल कायम करेगी। राकेश कहते हैं कि वह दो किलो काले धान के बीज का उपयोग अपने आर्गेनिक तरीके से किया। आज वह 15 बीघा में काले धान उगाते हैं।

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मधुमेह रोगियों व सेहत के लिए वरदान है काला चावल

पटमदा के किसान राकेश महंती कहते हैं कि काले धान उगाने के बाद वह इसकी सप्लाई मांग के अनुसार झारखंड बिहार के हर बड़े शहरों में करते हैं। यही नहीं अब तक बिहार व झारखंड के दर्जनों किसानों को काले धान का बीज दे चुके हैं। जिससे वह काले धान की खेती कर आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं। राकेश कहते हैं कि किसानों के बीच जैविक खेती के लिए जागरूक करने के लिए फार्म पाठशाला प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इससे किसानों को धान, कुम्हड़ा, लौकी, करेला, नेनुआ, झींगा, बींस, टमाटर आदि की खेती के बारे में जानकारी दी जाती है, जिसका लाभ पटमदा के किसान उठा रहे हैं।

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सब्जी की खेती में केवल आर्गेनिक खाद का करते हैं प्रयोग

पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड के आगुईडांगरा निवासी राकेश अपने में रसायनिक खाद का प्रयोग करते ही नहीं। वह आर्गेनिक खाद का ही प्रयोग करते हैं। यही कारण है कि आज वह 120 बीघा जमीन पर काले धान, कुम्हड़ा, लौकी, करेला, नेनुआ, झींगा, बींस, टमाटर की खेती कर रहे हैं। राकेश महंती कहते हैं कि वह किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर से बेहतर हो इस दिशा में काम कर रहे हैं।

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सब्जी को स्वादिष्ट बनाता है जैविक खाद

राकेश कहते हैं कि वह अपने खेतों में काले धान, सब्जी की उत्पादन में केवल जैविक खाद का ही प्रयोग करते हैं। जैविक खाद के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। पैदावार अधिक होती है। पौधे में लगे फसल जल्द नष्ट नहीं होते। जैविक खाद से उपजे चावल व सब्जी खाने में स्वादिष्ट व पौष्टिक से भरा रहता है।

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