काहिल के साथ खेलना सपने सच होने जैसा : फारूख
जमशेदपुर एफसी के स्ट्राइकर फारूख चौधरी से दैनिक जागरण की विशेष बातचीत।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर एफसी के स्ट्राइकर फारूख चौधरी का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई लीजेंड टिम काहिल के साथ खेलना सपने सच होने के समान है। फारूख ने हाल ही में अंडर-23 सैफ कप से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में पदार्पण किया है। पिछले सीजन में इस युवा स्ट्राइकर के प्रदर्शन ने राष्ट्रीय फुटबॉल कोच स्टीफन कांस्टेंटाइन का ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाए। राष्ट्रीय शिविर में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए फारूख ने कहा, यह पहली बार था जब मैंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। मैंने कोच व टीम के अन्य साथियों से काफी कुछ सीखा। और टीम प्रबंधन से बहुत कुछ सीखना पड़ा।
गत सीजन में फारूख ने कोच स्टीव कॉपेल के नेतृत्व में 15 मैच खेले। चाहे आइ लीग हो या आइएसएल, उन्होंने अभी तक एक भी गोल नहीं किया।
फारूख अब कोच सीजर फेराडो के मार्गदर्शन में सीधे रिकॉर्ड करने की उम्मीद कर रहे हैं। युवा स्ट्राइकर ने कहा कि वह नए कोच के साथ सीजन की शुरुआत करने को लेकर उत्साहित हूं। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में अपने नए कोच (सीजर फेरांडो) के निर्देशन में खेलने को लेकर आशान्वित हूं। हालांकि राष्ट्रीय शिविर में होने के कारण टीम के साथ प्रशिक्षण लेने का समय नहीं मिल पाया। मेरा एक ही लक्ष्य है, हरसंभव टीम का मदद करना और मिले हुए मौके को भुनाना। मुझे जो भी मौका मिलेगा, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा।
फारूख को उम्मीद है कि उन्हें सुमित पासी के साथ मैदान पर उतरने का मौका मिलेगा। केरला ब्लास्टर्स के पूर्व स्ट्राइकर फारूख चौधरी ने कहा कि हम दोनों एक ही पोजीशन में खेलते हैं। लेकिन वह एक वरिष्ठ खिलाड़ी हौंऔर मैंने उससे बहुत सी चीजें सीखी हैं। वह वास्तव में एक स्ट्राइकर के रूप में परिपक्व हैं। मैंने पिछले सीजन में उनके साथ खेला और भारतीय शिविर में भी था। अगर हम एक साथ खेलते हैं तो यह बेहतर होगा।
टिम काहिल के जेएफसी में शामिल होने के सवाल पर फारूख ने कहा, वास्तव में विश्वास नहीं कर सकता कि वह हमारे साथ हैं। जब हम राष्ट्रीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में थे, तब हमें पता चला कि काहिल हमारे टीम से जुड़ रहे हैं। शुरुआत में तो लगा कि यह एक महज अफवाह है। लेकिन जब मैंने देखा कि टीम ने आधिकारिक तौर पर काहिल को टीम में शामिल कर लिया तो मैं चौंक गया। वह फुटबॉल के लीजेंड हैं। हमने उसे विश्व कप में देखा और उसने वषरें तक अद्भुत गोल भी किए हैं। उनसे मिलने के बाद मुझे पता चला कि वह जितने बड़े खिलाड़ी हैं, उससे कहीं अच्छे इंसान भी हैं।