पंद्रह दिनों से एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप Jamshepur News

व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर क्रशर संचालकों की माथे पर चिंता की लकीरें डायवर्सन भी नहीं बना रहा प्रशासन ।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 11:30 AM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 11:30 AM (IST)
पंद्रह दिनों से एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप Jamshepur News
पंद्रह दिनों से एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप Jamshepur News

सरायकेला/जमशेदपुर (जेएनएन)।  कोल्‍हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसवां खरसावां ि‍जिला अंतर्गत हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन पिछले पंद्रह दिनों से ठप है। ऐसा इसलिए कि एनएच 220 पर राजनगर थाना क्षेत्र के मुरुमडीह का वर्षों पुराना पुल जर्जर स्थिति में है। जिससे एहतियातन प्रशासन ने यात्री वाहनों को छोड़ भारी वाहनों का परिचालन गत सात फरवरी से बंद कर दिया है।

पुल के दोनों ओर कंक्रीट के बड़े ढेले बने परेशानी का सबब

 पुल के दोनों ओर कंक्रीट के बड़े बड़े ढेले रख दिये गए हैं। साथ ही पथ निर्माण विभाग पथ प्रमंडल चाईबासा के कार्यपालक अभियंता की ओर से चेतावनी एवं सावधानी भरी संकेतिक बोर्ड भी लगा दिया गया है। परंतु पंद्रह दिनों से ज्यादा वक्त बीत गया है। न डायवर्सन बना और न ही नया पुल निर्माण के लिए कोई कार्रवाई आगे बड़ी है। 

भारी वाहनों का परिचालन बंद होने से व्‍यापार पर पड़ रहा बुरा असर

मालवाहक भारी वाहनों के परिचालन बंद होने से व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। बढ़े व्यापारी एवं कंट्रेक्टरों का माल ढुलाई बंद हो गया है। मालवाहक वाहन इस पार से उस पार गुजर नहीं पा रहे। चाईबासा भाया सरायकेला कांड्रा मार्ग को छोड़कर अधिकांश भारी वाहन इसी मार्ग से लौह अयस्क व अन्य माल की ढुलाई करते हैं। इस मार्ग पर हजारों बड़े वाहनों का आवागमन होता है। लेकिन पुल जर्जर अवस्था में होने के कारण भारी वाहनों का परिचालन बिल्कुल बन्द है। इससे वृहत पैमाने पर वाणिज्यिक नुकसान हो रहा है। 

क्रशर बंद, नहीं हो रही गिट़टी की ढुलाई 

राजनगर प्रखंड क्षेत्र में कई बड़े  क्रशर स्थापित हैं। जहां कंस्ट्रक्शन के लिए गिट्टी की ढुलाई होती है। हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग के अलावे और कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है। मुरुमडीह पुल बंद होने से बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप्प हो गया है। जिससे व्यपारियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही है। धंधा बुरी तरह प्रभावित है। सरायकेला चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एवं बिल्डर एसोसिएशन की ओर से भी उपायुक्त को ज्ञापन  सौंपा कर मामले से अवगत कराया जा चुका है। वावजूद अब तक प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की कोई पहल नहीं हो पाई है। 

चिंता में डूबे व्‍यापारी

व्यापारियों का मानना है कि यदि कुछ और दिनों तक बड़े वाहनों के परिचालन के लिए कोई पहल नहीं हुई तो। धंधा पानी चौपट हो जाएगा।  

बता दें कि एनएच 220 कोल्हान की महत्त्वपूर्ण  सड़कों में से एक है। यह मार्ग जमशेदपुर और चाईबासा को जोड़ती है। वाणिज्यिक दृष्टिकोण से यह सड़क अति महत्त्वपूर्ण है। वैसे भी नियमतः एनएच को लंबे समय के लिए अवरुद्ध नहीं रखा जा सकता। इसका शीघ्र कोई समाधान निकालने। की जरूरत है।

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