Sadhu Mahato Funeral Procession: आज पार्वती घाट पर होगी साधु महतो की अंत्येष्टि, सुबह सात बजे टीएमएच से निकलेगी शवयात्रा

Sadhu Mahato Funeral Procession भाजपा के पूर्व विधायक साधुचरण महतो का पार्थिव शरीर टीएमएच से निकलकर चांडिल गोलचक्कर जाएगी। चांडिल में स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद उनका पार्थिव शरीर आदित्यपुर स्थित श्रीडुंगरी पैतृक निवास लाया जाएगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:14 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 10:58 AM (IST)
Sadhu Mahato Funeral Procession: आज पार्वती घाट पर होगी साधु महतो की अंत्येष्टि, सुबह सात बजे टीएमएच से निकलेगी शवयात्रा
पूर्व भाजपा विधायक साधुचरण महतो की फाइल फोटो।

जमशेदपुर, जमशेदपुर : भाजपा के पूर्व विधायक साधुचरण महतो का पार्थिव शरीर मंगलवार को जमशेदपुर लाया गया। उनकी शवयात्रा बुधवार सुबह सात बजे टीएमएच से निकलकर चांडिल गोलचक्कर जाएगी। चांडिल में स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद उनका पार्थिव शरीर आदित्यपुर स्थित श्रीडुंगरी पैतृक निवास लाया जाएगा। बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट पर उनका अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे किया जाएगा।

सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि साधुचरण महतो का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत के साथ-साथ समाज व संगठन के लिए अपूरणीय क्षति है। ज्ञात हो कि साधु महतो का मंगलवार दोपहर कोलकाता में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उनके निधन पर भाजपा समेत तमाम दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने शोक व्यक्त किया है।

आक्रामक तेवर के लिए थी पहचान

सरायकेला - खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर निवासी साधुचरण महतो इसी जिले के ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक थे। वे आक्रामक तेवर की वजह से जनता के बीच लोकप्रिय थे। इन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को 42,250 वोट से हराया था। साधुचरण महतो 2019 के चुनाव में भी ईचागढ़ से भाजपा के उम्मीदवार थे, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार सविता महतो से हार गए थे। त्रिकोणीय मुकाबले में इन्हें पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह से भी कड़ी टक्कर मिली थी। बहरहाल, साधु महतो पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के कई मामले दर्ज हुए थे। विधायक रहते हुए भी केस-मुकदमे झेलने पड़े थे। जनता की हर छोटी-बड़ी समस्या को सुलझाने के लिए पूरी ताकत झोंक देते थे। स्वर्णरेखा परियोजना के विस्थापितों के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया था।

chat bot
आपका साथी