इमरजेंसी में सिलिंडर से चढ़ाया जा रहा था ऑक्सीजन

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 02:25 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 02:25 AM (IST)
इमरजेंसी में सिलिंडर से चढ़ाया जा रहा था ऑक्सीजन
इमरजेंसी में सिलिंडर से चढ़ाया जा रहा था ऑक्सीजन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटों की संख्या को लेकर सोमवार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम ने एमजीएम कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने जब इमरजेंसी विभाग में पहुंचे तो देखा कि मरीजों की भीड़ अधिक है। हर बेड एक दूसरे से सटे थे। इनके बीच की दूरी कम से कम तीन फीट होनी चाहिए। इस दौरान टीम ने एक नर्स से पूछा कि कितने बेड लगे हुए हैं तो उसने जवाब दिया 38। मरीज कितने भर्ती है तो उसने बताया 42। इसके साथ ही कई मरीज फर्श पर भी लेटे भी मिले। जबकि इमरजेंसी में सिर्फ 16 बेड ही लगाकर मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। आगे बढ़ने पर टीम ने देखा कि मरीज को सिलिंडर के माध्यम से ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा था। इसे देखते हुए उन्होंने सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइप के बारे में पूछ लिया। नर्स से जवाब दिया कि वह काम नहीं कर रहा है, इसलिए सिलिंडर के माध्यम से ऑक्सीजन चढ़ाया जा रहा है।

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नहीं खरीदी जा सकीं सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड मशीनें

एमसीआइ की टीम ने एक्सरे मशीन, सिटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड मशीन को लेकर भी आपत्ति दर्ज करायी थी। इस बारे में जब टीम ने जानने की कोशिश की तो पता चला कि इसमें से अबतक एक भी मशीनें खरीदी नहीं गई हैं। खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है। मशीन को स्थापित करने में कम से कम तीन माह का समय लगेगा। इससे टीम असंतुष्ट दिखी। वहीं सेंट्रल रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ मेडिकल रिकार्ड डिपार्टमेंट (एमआरडी) भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि सभी मरीजों का बेड हेड टोकन (बीएचटी) रिकार्ड किया जा रहा है। इससे मरीजों का डाटा कभी भी ढूंढ़ा जा सकता है। इस पर एमसीआइ की आपत्ति के बाद सरकार तत्कालिन अधीक्षक डॉ. भारतेंदु भूषण को हटा दी थी।

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सर्जरी विभाग में बेड बढ़ा पर सुविधाएं नहीं

इमरजेंसी विभाग के बाद टीम सर्जरी विभाग में पहुंची। यहां पर बेडों की संख्या तो बढ़ा ली गई थी पर सुविधाओं का अभाव था। पिछली बार जब टीम ने निरीक्षण करने आई थी तो सर्जरी विभाग में 102 बेड ही थे, उसे बढ़ाकर 120 बेड करने का निर्देश दिया था। इसबार इतनी संख्या में बेड मौजूद थे और सभी बेड पर मरीज भर्ती थे। वहीं नये भवन में दो ऑपरेशन थियेटर भी शिफ्ट कर दिए गए हैं।

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28 फीसद वरीय रेजीडेंट डॉक्टरों की कमी

कॉलेज व अस्पताल में डॉक्टरों की कमी अब भी बरकरार है। पिछले बार भी यह समस्या सामने आई थी। इसकी भरपाई के लिए सरकार ने प्रयास भी किया लेकिन वरीय रेजीडेंट चिकित्सकों के पद खाली रह गए। इसके साथ ही नर्स व कर्मचारियों की संख्या भी कम है।

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कॉलेज में प्रोफेसर चिकित्सकों की देखे गए कागजात

एमसीआइ की टीम ने एमजीएम कॉलेज का भी निरीक्षण किया। इसके बाद सभी प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर सहित अन्य शिक्षकों से संबंधित कागजातों को देखा गया।

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