गोविंदपुर में 15 लाख में बिक रहा आवास बोर्ड का तीनतल्ला

एक ओर सरकार गरीबों को चार लाख रुपये में प्रधानमंत्री आवास दे रही है तो दूसरी ओर झारखंड राज्य आवास बोर्ड उन्हीं गरीबों को 15 लाख रुपये में आवास बेच रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 05:08 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 06:31 AM (IST)
गोविंदपुर में 15 लाख में बिक रहा आवास बोर्ड का तीनतल्ला
गोविंदपुर में 15 लाख में बिक रहा आवास बोर्ड का तीनतल्ला

जासं, जमशेदपुर : एक ओर सरकार गरीबों को चार लाख रुपये में प्रधानमंत्री आवास दे रही है, तो दूसरी ओर झारखंड राज्य आवास बोर्ड उन्हीं गरीबों को 15 लाख रुपये में आवास बेच रहा है। बोर्ड छोटागोविंदपुर स्थित ईडब्ल्यूएस फ्लैट के निवासियों को पत्र भेज रहा है, जिन्होंने फ्लैट खरीदने का आवेदन बोर्ड को दिया था। आवेदकों से बोर्ड ने पहले ही यह शपथपत्र ले लिया है कि उनकी सालाना आय एक लाख रुपये से कम है। ईडब्ल्यूएस का पूरा नाम भी इकोनोमिकली वीकर्स सेक्शन है। तीनतल्ला के नाम से मशहूर छोटागोविंदपुर में 216 फ्लैट हैं। 18 ब्लॉक में 12-12 फ्लैट (क्वार्टर) हैं। इसके हिसाब से एक ब्लॉक की कीमत 1.8 करोड़ रुपये होगी। एक आवेदक को बोर्ड द्वारा जो पत्र भेजा गया है, उसमें लिखा गया है कि कमजोर आय वर्गीय फ्लैट भाड़ा सह क्रय के आधार पर नौ अगस्त को विनियमितीकरण का निर्णय लिया गया है। 30 सितंबर 2019 तक फ्लैट की औपबंधिक कीमत 14,67,815 रुपये आंकी गई है। यदि आप उक्त कीमत पर फ्लैट लेने के इच्छुक हैं तो शपथपत्र के माध्यम से सहमति के साथ निर्धारित दंड शुल्क 25,000 रुपये इलाहाबाद बैंक की आदित्यपुर शाखा में जमा करा दें। इसकी सूचना प्रमंडलीय कार्यालय को दें, ताकि आवंटन की कार्रवाई की जा सके।

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सत्तर के दशक में बने थे फ्लैट

झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने सत्तर के दशक में छोटागोविंदपुर व आदित्यपुर में ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए थे, जबकि आदित्यपुर, गोविंदपुर व बागबेड़ा में क्वार्टर बने थे। आदित्यपुर व बागबेड़ा के फ्लैट-क्वार्टर लगभग बिक चुके हैं, जबकि छोटागोविंदपुर के फ्लैट अब तक नहीं बिके हैं। इन फ्लैटों की हालत इतनी जर्जर है कि बाहरी व्यक्ति देखने के बाद इसमें रहने की हिम्मत नहीं जुटा सकता। पहले से रह रहे लोग किसी तरह जान जोखिम में डालकर हैं। यह बनाया ही गया था कमजोर आय वर्गीय लोगों के लिए, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिसकी सालाना आय एक लाख रुपये से कम होगी, वह 15 लाख रुपये कहां से देगा।

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