टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में पद को लेकर ऊहापोह

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टीएमएल एंड ड्राइवलाइंस वर्कर्स यूनियन का नाम बदलकर 'टाटा मोटर्स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Aug 2018 11:43 PM (IST) Updated:Tue, 14 Aug 2018 11:43 PM (IST)
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में पद को लेकर ऊहापोह
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में पद को लेकर ऊहापोह

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टीएमएल एंड ड्राइवलाइंस वर्कर्स यूनियन का नाम बदलकर 'टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन' किया गया। कुछ दिन बाद इस नई यूनियन को श्रम विभाग ने मान्यता भी मिल गई। अब इस नई यूनियन में पद को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। कौन पदाधिकारी बनेंगे तो कौन कमेटी मेंबर बने रहेंगे, इसकी चर्चा आजकल जोरों पर है।

गौरतलब हो कि पूर्व में टेल्को वर्कर्स यूनियन में 100 कमेटी मेंबर थे जबकि टीएमएल एंड ड्राइवलाइंस में कुल 25 कार्यकारिणी सदस्य थे। दोनों यूनियनों के विलय के बाद पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों की संख्या बढ़ गई। टाटा मोटर्स व टीएमएल विलय के बाद कंपनी प्रबंधन ने इन दोनों यूनियनों के पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों को मान्यता दे रही है। लेकिन इधर संविधान संशोधन के बाद नई यूनियन (टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन) में कुल कार्यकारिणी सदस्यों की संख्या 85 निर्धारित की गई। 25 पदाधिकारी तो शेष 60 कमेटी मेंबर रहेंगे। अब इस स्थिति में यूनियन नेताओं के बीच पद को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। हालांकि अभी तक नई यूनियन में पदाधिकारियों व कमेटी मेंबरों के नामों पर सहमति नहीं बनी है।

टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी हित में संविधान संशोधन किया गया है। जहां तक यूनियन चुनाव की बात है तो उसकी समय-सीमा दिसंबर-19 में पूरी होगी। यूनियन की पहली प्राथमिकता कर्मचारी हित में काम करना है। कर्मचारियों का बोनस सामने हैं, बहुत जल्द प्रबंधन से इस मामले में वार्ता शुरू की जाएगी तथा समय रहते बेहतर समझौता कराया जाएगा।

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'यूनियन का काम पद बांटना नहीं, मजदूर हित में काम करना है'

टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के सलाहकार प्रवीण कुमार सिंह ने कहा है कि संविधान की बात करने वाले लोग ही मजदूरों का अहित किए हैं। बगैर किसी का नाम लिए प्रवीण सिंह ने कहा कि यूनियन में तोड़फोड़ करने व मजदूरों का सपना चकनाचुर करने वाले लोग आज भी कर्मचारियों का भला नहीं चाहते हैं। केस-मुकदमा, बयानबाजी व राजनीति करना उनकी फितरत बन गई है। नई यूनियन ने कई ऐतिहासिक समझौते किए उसमें ग्रेड में 12 से 15 हजार तक की मासिक बढ़ोतरी, सामाजिक सुरक्षा, कर्मचारी आवास योजना आदि प्रमुख है। यूनियन का काम पद बांटना नहीं बल्कि मजदूर हित में काम करना है। नई यूनियन में मजदूरों की निष्ठा व आस्था निहित है।

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