जानिए, कैसे दैनिक जागरण ने बचाई सड़क पर तड़पती एक महिला की जिंदगी

किसी की संवेदना नहीं जगी कि उसे तत्काल अस्पताल पहुंचा दे। ऐसे में दैनिक जागरण की टीम आगे आई और उसे अस्पताल तो पहुंचाया ही इलाज के लिए पैसे की व्यवस्था भी की।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 12:11 PM (IST) Updated:Thu, 04 Oct 2018 02:22 PM (IST)
जानिए, कैसे दैनिक जागरण ने बचाई सड़क पर तड़पती एक महिला की जिंदगी
जानिए, कैसे दैनिक जागरण ने बचाई सड़क पर तड़पती एक महिला की जिंदगी

जमशेदपुर (जेएनएन)।  ट्रेन की चपेट में आने से झूलते पैर लिए दर्द से चिल्लाती महिला की हालत देखकर हर किसी का कलेजा मुंह को आ रहा था लेकिन किसी की संवेदना नहीं जगी कि उसे तत्काल अस्पताल पहुंचा दे। ऐसे में दैनिक जागरण की टीम आगे आई और उसे अस्पताल तो पहुंचाया ही इलाज के लिए पैसे की व्यवस्था भी की। 

अत्यधिक रक्तस्राव व एक पैर के करीब-करीब अलग हो जाने के कारण महिला का पैर काट दिए जाने की नौबत थी। लेकिन दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर जितेंद्र सिंह और फोटो जर्नलिस्ट रवि चौधरी ने आधी रात में महिला को टाटा मेन हॉस्पीटल (टीएमएच) पहुंचाया और अपनी जेब से भर्ती की शुरुआती फीस चुकाई। इसके बाद फोटो जर्नलिस्ट ने रात में ही ऑपरेशन के लिए तीस हजार रुपये का इंतजाम किया और महिला का ऑपरेशन किया गया। समाजसेवी पप्पू सरदार और जागरण की टीम ने महिला के परिजनों को राशि सौंपी।   

पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के राजदोहा क्षेत्र की जादुगुटी की रहनेवाली सुकुलमुनी दिहाड़ी मजदूर है। पति की मौत हो चुकी है। रोज मजदूरी कर अपने दो बच्चों की परवरिश करनेवाली यह महिला रोजाना ट्रेन से गोविंदपुर आकर मजदूरी करती थी। रोज की तरह बुधवार को भी दिनभर मजदूरी करने के बाद शाम को करीब पांच बजे वापस लौट रही थी। गोविंदपुर रेलवे हाल्ट के समीप रेल लाइन को पार करने के दौरान एक ओर से ट्रेन आती देख वह जल्दीबाजी में पार करने की कोशिश करने लगी तभी दूसरी ओर से ट्रेन आ गई। हड़बड़ाहट में वह एक ट्रेन की चपेट में आ गई। चपेट में आने से एक पैर घुटने के नीचे से झूल गया। देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जुट गई। भयंकर दर्द से चिल्लाती सुकुलमुनी को कुछ लोगों ने गोविंदपुर हॉल्ट के प्लेटफार्म पर पहुंचा दिया। वहां उसे देखनेवालों की भीड़ जुट गई। उस भीड़ में किसी ने अपने स्तर से उसे त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल पहुंचाने की जरूरत नहीं समझी।

नहीं आई जरमा एंबुलेंस 

किसी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जरमा (जमशेदपुर एक्सीडेंट रेस्पांस एंड मेडिकल असिस्टेंस) एंबुलेंस बुलाने की बात किसी ने कही। तुरत एंबुलेंस के लिए फोन किया गया लेकिन जवाब यही मिला कि अभी पहुंच पाना संभव नहीं है। उधर क्या करें, क्या न करें वाली हालत से गुजर रहे लोगों में से किसी ने गोविंदपुर थाने के पुलिसकर्मी गोपाल पांडेय को फोन किया। गोपाल पांडेय मौके पर पहुंचे और घायल महिला को अस्पताल ले जाने की कवायद शुरू की। इसी बीच मृत्युंजय महतो व हेमू के नेतृत्व में बड़ा गोविंदपुर सार्वजनिन दुर्गापूजा कमेटी के युवक वहां पहुंचे और उन्होंने एक्सवार्ड एंबुलेंस को जल्दी बुलवाया। एंबुलेंस में घायल महिला को लेकर युवकों वे पुलिसकर्मी के सहयोग से परसुडीह स्थित सदर अस्पताल ले जाया गया। तबतक दो घंटे से अधिक समय बीत चुका था। वहां प्राथमिक चिकित्सा के बार उसकी गंभीर हालत को देखते हुए महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल रेफर कर दिया गया। 

आयुष्मान योजना को लेकर हुई बकझक, आधे घंटे बाद शुरू हुआ इलाज

दुर्घटना में घायल होने के करीब ढाई घंटे बाद एमजीएम अस्पताल पहुंचाई गई सुकुलमुनी का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत करने को लेकर युवकों की अस्पताल कर्मियों के साथ बकझक हुई। योजना के दायरे में इलाज करने के लिए अस्पताल में राशन कार्ड की मांग की गई। बकझक के बाद करीब आधा घंटा बीतने पर इलाज शुरू हो सका। इस बीच युवकों ने महिला के घर राशन कार्ड लाने के लिए एक युवक को भेज दिया। इसके बाद दैनिक जागरण की टीम की पहल पर बेहतर इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया गया और ऑपरेशन की व्यवस्था की गई। 

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