पोते ही निकले दादी के हत्यारे, ओडिशा से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बालीगुमा के ग्रीन सिटी फ्लैट नंबर जीएफ-2 में गत शुक्रवार (14 सितंब

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 10:43 PM (IST)
पोते ही निकले दादी के हत्यारे, ओडिशा से गिरफ्तार
पोते ही निकले दादी के हत्यारे, ओडिशा से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बालीगुमा के ग्रीन सिटी फ्लैट नंबर जीएफ-2 में गत शुक्रवार (14 सितंबर) को हुई 80 वर्षीय शकुंतला देवी की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। हत्याकांड में पुलिस ने शकुंतला देवी के ही पोते ए. हर्षित नायडू व ए निखिल नायडू (दोनों बिरसानगर निवासी) को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में पता चला है कि वृद्धा को उसके ही पोते हर्षित व निखिल ने अपने दोस्त संदीप उर्फ नीलकंठन नायर (गोविंदपुर निवासी) के साथ मार डाला था। तीनों ने चाकू से गला रेत कर उसकी हत्या की थी। पुलिस के मुताबिक तीनों ने महज 30 हजार रुपये के लिए वृद्धा को मार डाला। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनूप बिरथरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी।

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गहने बेचने के कारण पकड़े गए हत्यारे

बालीगुमा के गुलमोहर अपार्टमेंट, न्यू ग्रीन सिटी स्थित फ्लैट नंबर जीएफ-2 में गत शुक्रवार को दादी की हत्या करने के बाद हर्षित व निखिल अपने दोस्त संदीप के साथ फ्लैट से भाग निकले। जाते-जाते उन्होंने घर में रखे सारे गहने ले लिए। निकलने से पहले संदीप ने खून लगा कपड़ा साफ करवाया। इसके बाद गहने लेकर वे सीधे छगनलाल ज्वेलर्स की दुकान पर गए। वहां ज्वेलर्स ने गहने पहचान लिए कि वह शकुंतला देवी के हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शकुंतला देवी ज्वेलर्स की पुरानी ग्राहक रही हैं। इस पर दुकानदार ने गहने बेचने का कारणों के बारे में पूछा तो आरोपित ने कहा कि दादी की तबीयत खराब है। इलाज कराना है। चूंकि गहने उसी का दुकान से लिए गए थे और शकुंतला देवी के परिवार से ज्वेलर्स का बहुत ही पुराना संबंध थे, इसलिए ज्वेलर्स ने भी जेवर के एवज में नकद 73 हजार रुपये तुरंत दे दिए। दूसरे ही दिन जब ज्वेलर्स ने अखबार में हत्या की खबर पढ़ी तो समझते देर नहीं लगी। जेवलर स्वयं एसएसपी ऑफिस पहुंचे और पुलिस को दुकान का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करा दिया। आरोपितों के सीसीटीवी फुटेज तथा मृतक की पुत्री सावित्री नायडू के फर्द बयान के आधार पर हत्यारों की पहचान हो चुकी थी। सो, पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की कवायद तेज कर दी।

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मोबाइल से हुए लोकेट, इंडिगो से भाग रहे थे पुरी

आरोपितों की पहचान पुख्ता होते ही पुलिस ने उनके मोबाइल नंबर को सर्विलांस में डाल दिया। उनका लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि वे ओडिशा में हैं। वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने तुरंत मयूरभंज के एसपी से बातचीत की ओर आरोपितों के लोकेशन का डिटेल उनके साथ साझा किया। आरोपित 12 हजार रुपये में इंडिगो कार किराए पर लेकर पुलिस से बचने के लिए पुरी (ओडिशा) भाग रहे थे। इसी बीच जैसे ही उनका लोकेशन मयूरभंज के पास लोकेट हुआ मयूरभंज (ओडिशा) पुलिस ने उन्हें बारीपदा के पास गिरफ्तार कर लिया। बाद में ओडिशा पुलिस ने तीनों को जमशेदपुर पुलिस के हवाले कर दिया।

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क्या हुआ था 14 सितंबर के दिन

ग्रीन सिटी फ्लैट नंबर जीएफ-2 में शुक्रवार को शकुंतला देवी के पोते हर्षित व निखिल अपने दोस्त संदीप के साथ अपनी दादी से 30 हजार रुपये मांग रहे थे। दादी जानती थी कि पोते बिगड़ चुके हैं और शराब में पैसे उड़ाएंगे, इसलिए उसने देने से इन्कार कर दिया। इससे गुस्साए दोनों पोतों ने दोस्त के साथ चाकू से 80 साल की शकुंतला देवी का गला रेत दिया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद उन्होंने वृद्धा के सारे गहने ले लिए। इसके बाद कपड़े साफ करने के बाद तीनों फ्लैट से निकले और सीधे ज्वेलर्स के यहां गहने बेचने गए। गहने बेच कर उन्होंने सबसे पहले नए कपड़े खरीदे। इसके बाद उन्होंने शराब पी। शराब पीने के बाद सभी इंडिगो से ओडिशा की और निकल गए। तीनों पुरी में पुलिस से बचने के लिए छुपने के लिए जा रहे थे।

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बरामद सामान

- एक सोने की चेन

- दो पीस सोने का पोटा

- पेन ड्राइव (छगनलाल ज्वेलर्स का)

- नकद, 23,700 रुपये

- सैमसंग मोबाइल, दो नए कपड़े।

- काले रंग की जेन कार

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छापेमारी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी

- विजय कुमार महतो (डीएसपी पटमदा), संजीव कुमार सिंह (इंस्पेक्टर पटमदा अंचल), अरविंद कुमार (थाना प्रभारी एमजीएम), बंदी राम टोप्पो (एमजीएम थाना), हरिमोहन झा (एमजीएम थाना), हरिशचंद्र प्रसाद, एमजीएम।

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