Coronavirus Third Wave: टाटा मोटर्स अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर से निबटने को तैयार, बनाया 50 बेड का शिशु वार्ड

Coronavirus Third Wave टाटा मोटर्स अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए शिशु वार्ड में 50 बेड तैयार किए गए हैं जिसमें 45 आक्सीजन बेड और पांच वेंटिलेटर वाले बेड शामिल हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 05:55 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 05:55 PM (IST)
Coronavirus Third Wave: टाटा मोटर्स अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर से निबटने को तैयार, बनाया 50 बेड का शिशु वार्ड
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को अधिक संक्रमित होने की आशंका है।

जमशेदपुर, जासं। टाटा मोटर्स अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए  शिशु वार्ड में 50 बेड तैयार किए हैं जिसमें 45 आक्सीजन बेड और पांच वेंटिलेटर वाले बेड शामिल हैं। अस्पताल के मेडिकल सर्विसेज हेड डा. संजय लाल श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड 19 के तीसरे वेव में बच्चों को अधिक संक्रमित होने की आशंका है। इसे देखते हुए हम अपनी तैयारी कर रहे हैं।

इसके अलावा अस्पताल में 200 बेड तैयार किया गया है जिसमें 110 बेड आक्सीजन युक्त है जबकि सामान्य मरीजों के लिए अगल से 204 बेड हैं। डा. संजय ने बताया कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में संक्रमण का स्तर काफी तेज था। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमने बेड़ की संख्या बढ़ाई। टाटा मोटर्स अस्पताल के फैमिली वेलफेयर सेंटर व डीलर्स हॉस्टल में अतिरिक्त 50 बेड बढ़ाए गए। अस्पताल म 15 बेड वाले आइसीयू की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना किया गया। गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने पर हमने 100 से अधिक बेड को आक्सीजन युक्त बनाया। साथ ही मरीजों को किसी भी तरह की दवा की किल्लत नहीं होने दी। इसके अलावा आस्ट्रेलिया, मुंबई, चेन्नई व पुणे से आक्सीजन मंगवाए गए। कोविड 19 का संक्रमण उच्च स्तर पर रहने के बावजूद हमने अस्पताल में अपना ओपीडी को पूर्व की तरह संचालित कर मरीजों की किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी। अब तक हमने 5000 से अधिक कोविड 19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया है। वर्तमान में अस्पताल में एक भी काेविड संक्रमित मरीज भर्ती नहीं है। इसके लिए अपने सभी डाक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ सहित सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने 24 घंटे मरीजों की सेवा की।

कोविड खत्म होने में लगेगा एक से दो वर्ष

डा. संजय ने बताया कि कोविड 19 को पूरी तरह से खत्म होने में एक से दो वर्ष का समय लगेगा। तीसरे वेव का संक्रमण कम हो इसके लिए जरूरी है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करें। मास्क पहने, शारीरिक दूरी का पालन करें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचे। साथ ही जितना जल्दी हो वैक्सीन लें। उन्होंने बताया कि आशंका जताई जा रही है कि तीसरे वेव में डेल्टा वेरिएंट मरीजों की संख्या बढ़ेगी। इसे देखते हुए हमें और एहतियात बरतना होगा। क्योंकि दूसरे वेव में इसके कारण ही मौत की संख्या बढ़ी थी। तीसरी लहर सितंबर से दिसंबर के बीच आ सकता है।  उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के पीक अवधि में भी ओपीडी समेत सभी सामान्य सेवाएं चालू रहा I अभी हॉस्पीटल में एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है I हॉस्पीटल में लगभग 5000 कोरोना मरीजों का इलाज किया गया l

तीसरी लहर में 40 से 50 फीसदी मरीज डेल्टा वेरिएंट के

डॉ संजय कुमार ने कहा कि संक्रमण के लक्षण को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 40 से 50 प्रतिशत मरीज डेल्टा वेरिएंट के थे I डेल्टा वेरिएंट की वजह से मौतों की संख्या बढ़ी I उन्होंने कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है I इसे जाने में एक से दो साल लगेंगे I लेकिन अभी भी हमें कोरोना के उचित व्यवहार और गाइडलाइंस का जीवन में अनुपालन करना जारी रखना होगा I किसी प्रकार की लापरवाही महंगी पड़ सकती है I तीसरी लहर सितंबर से दिसंबर तक आ सकता है I

बहुत कारगर है वैक्सीन

डा. संजय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा वैक्सीन काफी कारगर है। अध्ययन में पता चला है कि पहली लहर में अस्पताल के 20 डाक्टर व नर्स कोविड से संक्रमित हुए लेकिन दूसरी लहर में वैक्सीन लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण की संख्या भी कम रही और वे गंभीर रूप से बीमार भी नहीं हुए। उन्होंने बताया कि दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट के 40 से 50 प्रतिशत मरीज आए जिसके कारण मौत के आंकड़े बढ़े।

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