भाजपा ने हेमंत सरकार की तैयारियों पर उठाए सवाल, कहा- वुहान बनने की राह पर जमशेदपुर
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर निशाने साधते हुए कहा कि उनके गृह शहर में संक्रमण बेक़ाबू और तैयारियां बेबस नज़र आ रही है यहां व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी है।
जमशेदुर (जासं)। भारतीय जनता पार्टी ने जमशेदपुर में कोरोना के तेज़ी से फ़ैलते संक्रमण और अव्यवस्था को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जमशेदपुर में संक्रमण के आंकड़ों पर चिंता जाहिर की है। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जमशेदपुर अब झारखंड का वुहान शहर बनने की राह पर है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति की समीक्षा करते हुए लोकहित में फ़ौरन कठोर निर्णय लेने की जरूरत है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता निशाने साधते हुए कहा कि उनके गृह शहर में संक्रमण बेक़ाबू और तैयारियां बेबस नज़र आ रही है, यहां व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी है। भारतीय जनता पार्टी ने कम्युनिटी ट्रांसफर के ख़तरे को टालने के निमित्त भी प्रशासन को जरूरी निर्णय लेने का सलाह दिया।
कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जहां झारखंड में जुलाई के महीने में औसत मृत्यु दर प्रति दिन दो व्यक्ति हो चुकी है । जमशेदपुर शहर में कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में कहीं न कहीं व्यवस्था पर कोरोना वायरस हावी होता दिख रहा है। पिछले 24 घंटों में नौ लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 100 से ज़्यादा लोग पॉज़िटिव पाए गए हैं। जिसमें सिर्फ़ 4 की ही ट्रैवेल हिस्ट्री है। इसका मतलब शहर में सीधे तौर पर वायरस के कम्युनिटी ट्रांसफर का ख़तरा दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्री का गृह ज़िला होने के वावजूद ऐसी परिस्थिति में व्यवस्था का इतना असहाय दिखना समझ के परे है। जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी एक मरीज़ को दो दिनों तक अस्पताल नहीं ले ज़ाया गया।
एक मरीज की रिपोर्ट उसके एक अन्य बीमार के लिए ईलाज करवाकर गांव वापस चले जाने के बाद आती है और अब सैकड़ों लोगों का कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करवाया जा रहा है। चार अस्पताल सील हो चुके है। उपायुक्त और एसएसपी के कार्यालय समेत कई सरकारी कार्यालय बंद हो चुके हैं। कई वरीय सरकारी पदाधिकारियों को क्वारंटीन किया गया है। डब्ल्यूएचओ के निर्देशों के मुताबिक़ एक्टिव केसों के तीन गुणा ज्यादा अस्पतालों में बेड की संख्या उपलब्ध होनी चाहिए। जमशेदपुर में नए मरीज़ों की संख्या के अनुपात में बेड की संख्या बढ़ाने की दिशा में अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है।