सिर पर टोपी और मोदी-मोदी जयकारे से गूंजता रहा मैदान

दोपहर के दो बज रहे थे। तापमान 42 डिग्री। सिर पर सूरज आग बरसा रहा था और एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान मोदी-मोदी के नारे से गूंज रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 08:37 AM (IST) Updated:Fri, 10 May 2019 06:36 AM (IST)
सिर पर टोपी और मोदी-मोदी जयकारे से गूंजता रहा मैदान
सिर पर टोपी और मोदी-मोदी जयकारे से गूंजता रहा मैदान

जासं, जमशेदपुर : दोपहर के दो बज रहे थे। तापमान 42 डिग्री। सिर पर सूरज आग बरसा रहा था और एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान मोदी-मोदी के नारे से गूंज रहा था। हजारों की भीड़ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सुनने के लिए जुटी थी। सिर पर टोपी, गले में पंट्टी और मोदी-मोदी, भारत माता की जय..सहित अन्य नारे जुबान पर थे। महिलाएं व युवतियां ज्यादा उत्साहित थीं। महिलाएं कमल छाप साड़ी पहनी हुई थीं, तो युवतियां केसरिया टीशर्ट। जिस पर 'नमो अगेन' लिखा हुआ था। वहीं सोनारी से युवाओं का एक दल सफेद टीशर्ट पहन कर आया, जिस पर 'नमो अगेन' लिखा था। यह समूह खूब चर्चा में रहा। देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ गई। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सभी को सभा स्थल की ओर भेजा, ताकि सड़क खाली रहे। यातायात बाधित नहीं हो। इसी बीच बागबेड़ा से एक समूह भाजपा का सबसे बड़ा झंडा लेकर आया जो वहां लहराता रहा।

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दो युवक गश खाकर

गिरे, डाला गया पानी

धूप इतनी तेज थी कि सभा स्थल पर दो युवक गश खाकर गिर पड़े। इसके बाद लोगों ने उन पर पानी डाला और पेड़ के नीचे बैठाया। इसमें एक रोहित कुमार व दूसरा शैलेश कुमार नामक युवक शामिल था। गर्मी को देखते हुए पानी की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अंतिम समय में वह भी खत्म हो गया। इसके कारण लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा था।

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सुरक्षा व्यवस्था रही टाइट, मेटल डिटेक्टर

सभा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था टाइट थी। मेटल डिटेक्टर से होकर लोगों को सभा स्थल पर जाना पड़ रहा था। वहीं छतों पर भी जवानों को तैनात किया गया था, ताकि परिदा भी पार न कर सके।

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सीएम रघुवर के घर में

खाली रह गई कुर्सियां

मुख्यमंत्री रघुवर दास का गृह नगर। 10 कदम की दूरी पर मुख्यमंत्री घर। यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनसभा को संबोधित करने आए थे। मैदान में पांच हजार कुर्सियां लगाई गई थीं। इनमें से लगभग दो हजार कुर्सियां खाली रह गई। भाजपा नेताओं के तमाम प्रयास के बावजूद कुर्सियां नहीं भर सकीं। कड़ी धूप और गर्मी को देखते हुए पंडाल भी बनाया गया था, लेकिन यह भी व्यर्थ गया। सभा में लगभग तीन हजार लोग ही जुट पाए।

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