अलकायदा आतंकी कलीम कई स्लीपर सेल के चेहरे से उठाएगा नकाब, खोलेगा अहम राज Jamshedpur News

अलकायदा आतंकी मौलाना कलीम की फरारी के दौरान भी लौहनगरी के कई युवक उससे संपर्क में थे। एटीएस ने इन स्लीपर सेल की निगरानी शुरू कर दी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 10:30 AM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 10:30 AM (IST)
अलकायदा आतंकी कलीम कई स्लीपर सेल के चेहरे से उठाएगा नकाब, खोलेगा अहम राज Jamshedpur News
अलकायदा आतंकी कलीम कई स्लीपर सेल के चेहरे से उठाएगा नकाब, खोलेगा अहम राज Jamshedpur News

जमशेदपुरद्व जासं। लौहनगरी अलकायदा का गढ़ बनती जा रही है। यहां से अब तक अलकायदा के दर्जन भर आतंकी पकड़े जा चुके हैं। वहीं, अभी शहर में अलकायदा के कई स्लीपर सेल मौजूद होने की बात सामने आ रही है। एटीएस को मौलाना कलीमुद्दीन की रिमांड मिलने के बाद माना जा रहा है कि अब शहर के कई स्लीपर सेल के चेहरे से नकाब हटेगी। 

उन सफेदपोशों का खुलासा होगा जो फरारी के दौरान मौलाना कलीमुद्दीन से संपर्क में थे और उसकी मदद कर रहे थे। सूत्र बताते हैं कि फरारी के दौरान भी मौलाना कलीमुद्दीन की जमशेदपुर में बराबर आवाजाही होती रहती थी। वो यहां कहां ठहरता था। इसे लेकर एटीएस ने सवालों की सूची तैयार कर ली है। सूत्र बताते हैं कि मौलाना कलीम फरारी के दौरान आसनसोल के एक मदरसे में रहता था। बाद में कोलकाता में एक कंपनी मालिक ने उसे पनाह दी। ये सब लपेटे में आएंगे।

एटीएस के निशाने पर अलकायदा के कई स्लीपर सेल

आतंकवादियों की शरणस्थली बनती जा रही लौहनगरी में अभी भी अलकायदा के कई स्लीपर सेल मौजूद हैं। एटीएस द्वारा शनिवार की रात टाटानगर रेलवे स्टेशन से पकड़े गए आतंकी मौलाना कलीम ने पूछताछ में एटीएस के सामने कई राज उगले हैं। पता चला है कि मौलाना कलीम की फरारी के दौरान भी लौहनगरी के कई युवक उससे संपर्क में थे। एटीएस ने इन स्लीपर सेल की निगरानी शुरू कर दी है। यही नहीं, एटीएस को मौलाना कलीमुद्दीन के बेटे हुजैफा की भी तलाश है।

2002 में अाया था पहला मामला

2002 में जमशेदपुर के सबसे पहले 2002 में आतंकी तार जुड़े होने की जानकारी तब मिली थी जब दिल्ली के अंसल प्लाजा में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी शाहनवाज के पास से जमशेदपुर के मानगो के जवाहर नगर का पता वाला लाइसेंस मिला था। इसके बाद से एक के बाद एक आतंकी यहां से पकड़ में आते गए। माना जा रहा है कि

कब किसकी गिरफ्तारी

 अब्दुल समी।

21 सितंबर 2019- एटीएस ने आतंकी कलीमुद्दीन को टाटानगर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया।

नौ अगस्त 2017- अलकायदा के संदिग्ध आतंकी आजादनगर निवासी जीशान अली को दिल्ली की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया था।

18 जनवरी 2016- जमशेदपुर के धतकीडीह निवासी अब्दुल समी को हरियाणा से दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार।

17 दिसंबर 2015- दिल्ली के सीलमपुर से अलकायदा के भारत प्रमुख मोहम्मद आसिफ को गिरफ्तार किया गया था। आसिफ की बहन जमशेदपुर में रहती है। वो बहन से मिलने दो बार जमशेदपुर आया था।

16 दिसंबर 2015- ओडिशा पुलिस ने अलकायदा आतंकी अब्दुल रहमान कटकी को गिरफ्तार किया था। उसने कबूला कि जमशेदपुर में वो कई युवकों को प्रशिक्षित कर चुका था।

अक्टूबर 2014- एटीएस ने पश्चिम बंगाल के वद्र्धवान में हुए बम विस्फोट मामले में जमशेदपुर के आजाद नगर से शीष महमूद नामक शख्स को गिरफ्तार किया था। एटीएस के अनुसार महमूद जमात उल मुजाहिदीन का सदस्य था।

27 अक्टूबर 2013- पटना में हुए ब्लास्ट में एनआइए ने जमशेदपुर से एक संदिध को गिरफ्तार किया था।

पांच जून 2011- मध्य प्रदेश एटीएस ने मानगो के जाकिर नगर रोड नंबर 13 वेस्ट में दो मंजिला मकान में छापामारी कर इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अबू फैजल और इरशाद को एक महिला के साथ गिरफ्तार किया था।

2006- कोलकाता से आई टीम ने अमेरिकन सेंटर में हुए हमले के आरोप में नूर मोहम्मद को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में मामला साबित नहीं हो सका और आरोपित छूट गए।

नवंबर 2002- दिल्ली के अंसल प्लाजा में मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शहनवाज के पास से एक लाइसेंस मिला था जिस पर मानगो के जवाहर नगर का पता लिखा हुआ था।  

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