Kolhan University :झारखंड का ऐसा विश्वविद्यालय जहां के प्राध्यापक दाने दाने को मोहताज, जानें कारण

Kolhan University वेतन नहीं मिलने से प्राध्यापकों को परेशानी हो रही है। उन्हें घर चलाने के लिए सीनियर प्राध्यापकों से कर्ज लेना पड़ रहा है। इस संबंध में केयू के प्रवक्ता ने कहा - अगले माह तक वेतन दे दी जाएगी।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 19 May 2022 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 19 May 2022 05:00 AM (IST)
Kolhan University :झारखंड का ऐसा विश्वविद्यालय जहां के प्राध्यापक दाने दाने को मोहताज, जानें कारण
Kolhan University News : सीनियर प्राध्यापक किसी तरह आर्थिक सहयोग कर रहे हैं।

जासं, जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अलग-अलग महाविद्यालयों में नियुक्त करीब 37 प्राध्यापकों को बैकलाग नियुक्ति के तीन माह बाद भी उन्हें अब तक वेतन नहीं मिला है। इसके लिए कई बार कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (टाकू) के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय पदाधिकारियों से बात की। इसके बावजूद अब तक उनका वेतन नहीं मिला है। जबकि प्राध्यापकों के स्तर से सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इन्हीं प्राध्यापकों के साथ नियुक्त दूसरे विश्वविद्यालय ने नियुक्ति के अगले माह से वेतन देना प्रारंभ कर दिया।

वेतन मामले में सुस्ती बरत रहा कोल्हान विश्वविद्यालय

कोल्हान विश्वविद्यालय में वेतन मामले में सुस्ती बरती जा रही है। वेतन इन प्राध्यापकों की आजीविका से जुड़ा हुआ मामला है। टाकू के महासिचव प्रोफेसर इंदर पासवान का कहना है कि इन प्राध्यापकों के साथ भेदभावपूर्ण नीति विश्वविद्यालय अपना रहा है। समस्या तब ज्यादा गंभीर हो जाती है एक ही संस्था में काम करनेवाले दूसरे सीनियर लोगों को वेतन मिलता है और नए लोगों को तीन महीनों से वेतन नही मिल रहा हो। ये सारे नए प्राध्यापक अब सीनियर प्राध्यापकों से गुजर बसर के लिए उधारी मांग कर अपनी जीविका चला रहे हैं। ऐसे में इन प्राध्यापकों में विश्वविद्यालय के संबंध में क्या मनोदशा होगी ये तो वो ही जाने। फिलहाल सीनियर प्राध्यापक किसी तरह आर्थिक सहयोग कर उनका एवं उनके परिवार का भरण-पोषण करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

केयू निर्णयों को पर अमल करने में लगा रहा समय

कोल्हान विश्वविद्यालय विभाग और सिंडिकेट द्वारा लिए गए निर्णयों को लेने में भी समय लगा रहा है। राज्य सरकार ने पीएचडी व एमफिल कर चुके एसोसिएट प्रोफेसर को अलग से इंक्रीमेंट देने का फैसला किया है। इस पर सभी विश्वविद्यालयों ने अधिसूचना जारी कर दी है, लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय ने इस संबंध में अब तक अधिसूचना जारी नहीं की है। इधर एक साल पहले बैकलाग में नियुक्त हुए एसिस्टेंट प्रोफेसर का सर्विस कंफेरमेशन पत्र भी अब तक नहीं मिला है। तीन माह पूर्व हुए बैकलाग से नियुक्त हुए एसिस्टेंट प्रोफेसर को अब तक वेतन मिलना ही प्रारंभ नहीं हो पाया है। सिंडिकेट से पास होने के बावजूद इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं करना और कागजी कार्रवाई को पूरा नहीं कर पाने से प्राध्यापकों का एक बड़े वर्ग में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

बैकलाग से नियुक्त हुए प्राध्यापकों का प्राण नंबर बनाना है। इसके लिए प्रक्रिया पूर्ण हो गई। रजिस्ट्रार द्वारा इस संबंध में जल्द ही कागजी कार्यवाही की जाएगी। उम्मीद है अगले माह से इन प्राध्यापकों को वेतन मिलने लगेगा। - डा. पीके पाणि, प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा

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