गजनी वाली बीमारी से जूझ रहा बच्चा, झारखंड में इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं

फिल्म गजनी में आमिर खान जिस रेट्रोगेड एम्नेशिया के शिकार थे। इस समय उसी बीमारी से जमशेदपुर में भी एक आठ साल का बच्चा जूझ रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Jun 2020 08:24 AM (IST) Updated:Wed, 24 Jun 2020 01:56 PM (IST)
गजनी वाली बीमारी से जूझ रहा बच्चा, झारखंड में इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं
गजनी वाली बीमारी से जूझ रहा बच्चा, झारखंड में इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं

जमशेदपुर,अमित तिवारी। फिल्म गजनी में आमिर खान जिस रेट्रोगेड एम्नेशिया के शिकार थे। इस समय उसी बीमारी से जमशेदपुर में भी एक आठ साल का बच्चा जूझ रहा है। उसे कुछ भी याद नहीं रहता। माता-पिता परेशान हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए झारखंड में डॉक्टर नहीं हैं। मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल या दिल्ली एम्स में इस रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर (पीड़ियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट) मौजूद हैं, लेकिन पीड़ित के पास पैसा व पैरवी का अभाव है। इस कारण वहां जाकर इलाज कराने में अक्षम हैं।

मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड निवासी पीड़ित के पिता आशुतोष श्रीवास्तव एक बार किसी तरह उधार लेकर धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल पहुंचे तो चिकित्सकों ने देखा और पूरी तरह से ठीक करने की गारंटी भी दी, लेकिन दोबारा वहां जाने के लिए इनके पास पैसे ही नहीं थे। इसके बाद वह दिल्ली एम्स में इलाज कराने को सोचा लेकिन वहां नंबर ही नहीं मिल रहा। वह कहते हैं कि अगर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद विद्युत वरण महतो या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चाह लें तो बच्चे की जान बच जाएगी। इलाज पर पांच से छह लाख रुपये खर्च बताया जा रहा है। आशुतोष श्रीवास्तव एक दुकान में काम करते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चा का इलाज यदि जल्द नहीं हुआ तो भविष्ट बर्बाद हो सकता है।

दो साल की उम्र में छत से गिर गया था बच्चा  

पीड़ित का नाम देवकृष्णा है। दो साल की उम्र में वह छत से गिर गया था। तब उसे चिकित्सकों के पास ले जाया गया तो मलहम-पट्टी कर छोड़ दिया। जबकि, सिर में अंदरुनी चोट थी। एक साल के बाद बच्चा का व्यवहार चेंज होने लगा।

क्या है बीमारी

सिर पर चोट आने से रेट्रोगेड एम्नेशिया होता है। दुर्घटना से पहले की याददाश्त भूलने को रेट्रोगेड एम्नेशिया व बाद की चीजें भूलने को एंटेरोग्रेड एम्नेशिया कहते हैं। इसमें कुछ मिनट तक पूरी तरह से मेमरो लॉस हो जाती है।

ये कहते डॉक्‍टर

सिर के चोट को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। वह आगे चलकर गंभीर रूप ले सकता है। रेट्रोगेड या एंटेरोग्रेड एम्नेशिया भी इसी कारण से होता है। हालांकि, इस बीमारी की चपेट में बहुत कम लोग आते हैं। बच्चे का इलाज जरूरी है।

- डॉ. एमएन सिंह, न्यूरो फिजीशियन।

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