तंबाकू पर हर महीने 28 करोड़ रुपये खर्च कर रहे यहां के लोग
कोल्हान में सबसे अधिक मुंह कैंसर के रोगी हैं। इसमें 90 फीसद रोगियों का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन करना ही पाया गया है।
अमित तिवारी, जमशेदपुर। 50 मौत का हिसाब तीन अरब 36 करोड़ रुपये। सुनकर चौंक गए? यह हकीकत जमशेदपुर शहर की है। यहां मौत के नाम पर हर माह 28 करोड़ रुपये खर्च होता है। इस मौत का सच ऐसे समझिए। शहर में तंबाकू के करीब 50 थोक विक्रेता हैं। साकची में सबसे अधिक हैं। उनके अनुसार, रोजाना का कारोबार करीब 40 लाख रुपये का है। यानी प्रतिमाह 20 करोड़ रुपये का तंबाकू शहर खा जाता है। वहीं आठ करोड़ का कारोबार खैनी का है। दोनों मिलाकर यह राशि 28 करोड़ रुपये हो जाती है। यह राशि बढ़कर साल में 3 अरब 36 करोड़ रुपये जाती है। और इसके बदले में सिर्फ और सिर्फ मौत मिलती है।
कोल्हान में सबसे अधिक मुंह कैंसर के रोगी हैं। इसमें 90 फीसद रोगियों का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन करना ही पाया गया है। झारखंड के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल (मेहरबाई टाटा कैंसर अस्पताल) में इसकी पुष्टि हो चुकी है। बावजूद लोगों में जागरुकता का अभाव है। हर तंबाकू के डिब्बे (सिगरेट, गुटखा, जर्दा) पर कैंसर का जख्म दर्शाया गया है, ताकि लोग देखकर डरें। लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है। नतीजा है कि मुंह कैंसर तेजी से फैल रहा है। मेहरबाई कैंसर अस्पताल के आंकड़े देखे जाएं तो कोल्हान में हर साल करीब तीन हजार नए कैंसर रोगियों की पहचान हो रही है। इसमें करीब 80 पीड़ितों की मौत हो जाती है। इनमें मुंह कैंसर के रोगियों की संख्या करीब 50 होती है।
हर तीसरा आदमी खा रहा है खैनी, पांचवां आदमी तंबाकू
जमशेदपुर शहर के 85 लोगों पर किए गए एक सर्वे के अनुसार 40 वर्ष के बाद हर तीसरा व्यक्ति खैनी खाता है। वहीं उससे कम उम्र के लोगों में तंबाकू (सिगरेट, गुटखा, जर्दा) की लत अधिक है। हर पांचवा व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है। इसमें दो लोग वैसे शामिल होते हैं, जो रोजाना पांच से अधिक सिगरेट पीते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, पांच से 10 सिगरेट रोज पीने वाले व्यक्ति में दिल का दौरा पड़ने की आशंका दोगुना बढ़ जाती है। सिगरेट का एक कश जिंदगी के पांच मिनट कम कर देता है। सर्वे में 65 फीसद लोगों ने माना कि शुरुआत में वे शौक के रूप में धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद लत लग जाती है।
तीन साल में कैंसर के मिले 9094 नए मरीज
मेहरबाई टाटा कैंसर अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, कोल्हान में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते तीन साल में कुल 9094 मरीजों की पहचान हुई है। इसमें सबसे अधिक मुंह के कैंसर, उसके बाद बच्चेदानी व पेट के कैंसर शामिल हैं। तीसरे और चौथे चरण में आनेवाले मरीजों की जान बचानी मुश्किल हो जाती है। पहले व दूसरे चरण में आने वाले मरीजों की जान असानी से बचाई जा सकती है।
जानें, किस साल कितने रोगी पहुंचे
कैंसर अस्पताल वर्ष रोगी
2015 2987
2016 3000
2017 3107
महिलाएं भी कर रही धूम्रपान का सेवन
कैंसर अस्पताल के रिपोर्ट के अनुसार, महिलाएं भी धूम्रपान की सेवन करने लगी हैं। उन्हें यह नहीं मालूम कि वह स्वयं तो इससे अनेक रोगों से ग्रसित हो ही सकती हैं, साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी इसका खतरनाक दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इससे समय पूर्व स्वत: गर्भपात, मृत शिशु का प्रसव, गर्भावस्था में ही शिशु की मृत्यु तथा कम वजन के कमजोर बच्चे का जन्म हो सकता है।
कैंसर के शुरुआती लक्षण
- भूख कम लगना या बिल्कुल न लगना।
- याददाश्त में कमी, देखने-सुनने में दिक्कत।
- लगातार खांसी जो ठीक नहीं हो रही हो, थूक में खून आना या आवाज में खरखराहट।
- मुंह खोलने, चबाने, निगलने या खाना हजम करने में परेशानी।
- पाखाने या पेशाब में खून आना।
- बिना वजह खून या वजन में बेहद कमी।
- ब्रेस्ट या शरीर में किसी अन्य जगह स्थायी गांठ बनना या सूजन।
- किसी जगह में अचानक खून, पानी या मवाद निकलना।
- तिल या मस्से में बदलाव या किसी घाव का न भरना।
- कमर या पीठ में लगातार दर्द।
तंबाकू के खतरनाक दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। सिगरेट के धुएं से केवल धूम्रपान करने वालों को ही नुकसान नहीं होता, बल्कि उनके संपर्क में रहने वाले दोस्तों, बच्चों, परिवार वालों को भी होता है। इससे कैंसर एवं गंभीर हृदय रोग भी हो सकते हैं।
- नफीस अख्तर खान, मेडिकल ऑफिसर, मेहरबाई कैंसर अस्पताल।