21 करोड़ गटक गए पर मुंह चिढ़ा रहे एनएच के गढ्ढे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रांची से बहरागोड़ा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (एनएच 33) की

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 May 2018 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 May 2018 08:00 AM (IST)
21 करोड़ गटक गए पर मुंह चिढ़ा रहे एनएच के गढ्ढे
21 करोड़ गटक गए पर मुंह चिढ़ा रहे एनएच के गढ्ढे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : रांची से बहरागोड़ा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 33 (एनएच 33) की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कालीमंदिर से बालीगुमा तक इस सड़क पर अनगिनत गड्ढे हैं। दिसंबर में सरकार ने 21 करोड़ रुपये का ठेका देकर एनएच 33 की मरम्मत कराई थी। लेकिन, ये गड्ढे फिर सड़क पर मुंह बाए पड़े हुए हैं। सड़क पर फिर गड्ढों की भरमार है और इस पर वाहन हिचकोले खाते हुए चलते हैं। हादसे आए दिन हो रहे हैं।

इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि सड़क के गड्ढों को स्लैग से भर दिया गया था। तारकोल से इसकी पैचिंग करनी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। इस वजह से तारखोल उखड़ने के बाद गड्ढे फिर नजर आने लगे। एनएच 33 पर 21 करोड़ रुपये बरबाद होने पर भी सरकार के आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया) भी इस पर कुछ नहीं कर रहा है। इस बात की जांच तक नहीं की गई कि आखिर 21 करोड़ रुपये कहां गए।

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दो किमी की दूरी पर ही छोटे-बड़े 165 गड्ढे

एनएच 33 पर कालीमंदिर से डिमना चौक के बीच में इस कदर ऊबड़-खाबड़ है कि इस पर छोटे-बड़े 165 गड्ढे हैं। सड़क पर वाहनों की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा नहीं बढ़ पाती। डिमना चौक से आगे बढ़ते ही गड्ढों से सामना शुरू हो जाता है। एसबीआइ के एटीएम के सामने दो गड्ढे हैं। विदेशी शराब की दुकान के सामने तीन बड़े गड्ढे हैं। एलिट और बिग बाजार के बीच में एक बड़ा गड्ढा है। अभी ये सबसे बड़ा गड्ढा बन गया है। बारिश होने पर यहां सड़क तालाब नजर आती है। हुंडई शोरूम के सामने दो बड़े गड्ढे हैं। बीएसएनएल के दफ्तर के सामने तीन गड्ढे हैं। मारूती शोरूम के सामने पांच गड्ढे हैं। पारडीह चौक के पास 8 गड्ढे बन गए हैं।

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बरसात में फिर तालाब बनेगी सड़क

एनएच 33 बरसात में तालाब बन जाएगा। सड़क पर बड़े गड्ढों में पानी भर जाता है। ऐसे में इस सड़क पर वाहन नहीं चल पाते। एनएच 33 की ये हालत हर साल बरसात में होती है। शोर मचता है और राज्य सरकार मरम्मत के लिए नवंबर-दिसंबर में रकम जारी होती है। एनएच 33 की मरम्मत होती है और गड्ढे भरने के नाम पर थूक पालिश कर दी जाती है। महीने भर बाद फिर गड्ढे हो जाते हैं लेकिन इधर कोई ध्यान नहीं देता है।

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कंपनी की लापरवाही से फंसा है चौड़ीकरण का काम

रांची से महुलिया तक एनएच 33 को बनाने का ठेका मधुकॉन कंपनी को मिला है। 1485 करोड़ की लागत से सड़क चौड़ीकरण का काम होना है। लेकिन, कंपनी की लापरवाही से काम देर से शुरू हुआ। इसकी लागत बढ़ गई। केनरा बैंक से 1054 करोड़ रुपये का कर्ज कंपनी को मंजूर हुआ। कंपनी ने 845 करोड़ रुपये निकाल कर खर्च कर दिए लेकिन, महज 30 फीसद काम हुआ। अब बैंक रकम देने पर राजी नहीं है। इसके चलते एनएच 33 के चौड़ीकरण का पेच फंसा हुआ है। इसका हल ये है कि या तो केनरा बैंक मधुकॉन को और लोन दे। या फिर एनएचएआइ सड़क का निर्माण खुद कराए। कंपनी, एनएचएआइ और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की कई बैठक के बाद भी इसी का फैसला नहीं हो पा रहा है। एनएचएआइ ने कहा था कि अगर कंपनी 50 फीसद काम पूरा कर दे तो उसे 428 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। लेकिन, कंपनी लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है।

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