टाटा मोटर्स को विलय से 15 दिन पहले करना था लाइसेंस नवीकरण को आवेदन

कारखाना अधिनियम 1950 की धारा छह के तहत टाटा मोटर्स प्रबंधन को विलय के 15 दिन पहले लाइसेंस में संशोधित के लिए आवेदन करना था।

By Edited By: Publish:Sat, 27 Oct 2018 09:43 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 12:04 PM (IST)
टाटा मोटर्स को विलय से 15 दिन पहले करना था लाइसेंस नवीकरण को आवेदन
टाटा मोटर्स को विलय से 15 दिन पहले करना था लाइसेंस नवीकरण को आवेदन

 जमशेदपुर(जासं)।  कारखाना अधिनियम 1950 की धारा छह के तहत टाटा मोटर्स प्रबंधन को विलय के 15 दिन पहले लाइसेंस में संशोधित के लिए आवेदन करना था। लेकिन एक अंतराष्ट्रीय स्तर की कंपनी द्वारा इस तरह की अनियमितता उसकी मंशा पर सवाल खड़ा करती है।

कारखाना निरीक्षक कार्यालय द्वारा नोटिस जारी करने के दस दिन बाद टाटा मोटर्स प्रबंधन अब लाइसेंस नवीकरण के लिए आवेदन किया है। विभाग के अधिकारियों की माने तो केंद्र और राज्य सरकार ने पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया है। ऐसे में अधिकारियों को केवल ऑनलाइन आवेदन करना था लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने यह जरूरी नहीं समझा।

इसके कारण ही जांच के क्रम में मामला उजागर होने के बाद कंपनी के कार्यकारी निदेशक सह चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सतीश बोरवंकर को अब नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। जवाब देने का अंतिम समय सोमवार सुबह कारखाना निरीक्षक कार्यालय द्वारा जांच के क्रम में टाटा मोटर्स में 29 मामलों में अनियमितता पाई गई थी। इस मामले में विभाग द्वारा जब टीएमएल ड्राइव लाइंस की यूनिट सी प्रबंधन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया तो प्रबंधन ने चुप्पी साध ली।

इसके बाद विभाग ने 25 अक्टूबर को फिर से रिमाइंडर नोटिस भेजा है जिसमें 72 घंटे के अंदर जवाब देना है और इसकी मियाद सोमवार सुबह खत्म हो रही है। दर्ज हो सकता है शिकायतवाद जांच के क्रम में 29 मामलों में प्रबंधन की उदासीनता और कर्मचारियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड का मामला उजागर हुआ है। प्रबंधन द्वारा समय पर जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ कारखाना निरीक्षक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सीजेएम कोर्ट में कारखाना अधिनियम की प्रदत्त धाराओं के तहत शिकायत दर्ज किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी