HIV: झारखंड के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 11 कैदी एचआइवी पॉजीटिव

घाघीडीह सेंट्रल जेल में 11 कैदी एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिएंसी वायरस) पॉजीटिव पाए गए हैं। इनकी संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि सबों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 02:25 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 01:46 PM (IST)
HIV:  झारखंड के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 11 कैदी एचआइवी पॉजीटिव
HIV: झारखंड के घाघीडीह सेंट्रल जेल में 11 कैदी एचआइवी पॉजीटिव

जमशेदपुर, रवि चौधरी। पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर स्थित घाघीडीह सेंट्रल जेल में 11 कैदी एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिएंसी वायरस) पॉजीटिव पाए गए हैं। इनकी संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि दो हजार कैदियों की हुई मेडिकल जांच में अभी 1300 कैदियों की ही रिपोर्ट सामने आई है। इस सूचना के बाद जेल परिसर में कैदियों के बीच हड़कंप मच गया है। 

जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी के अनुसार, सरकार के आदेश पर घाघीडीह सेंट्रल जेल के सभी कैदियों का पिछले एक महीना से महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में एचआइवी जांच कराई जा रही है। अबतक लगभग 2000 कैदियों की जांच हो चुकी है। इनमें 1300 कैदियों की जांच रिपोर्ट जेल प्रशासन को मिल चुकी है। इनमें से 11 कैदी एचआइवी पॉजीटिव पाए गए हैं। इन कैदियों में संक्रमण कैसे हुआ, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है।

हो रही काउंसिलिंग

जेल प्रशासन काउंसिलिंग के जरिए यह जानने की कोशिश में जुटा है कि संक्रमण की वजह क्या है। जेल अधीक्षक ने कहा कि एचआइवी पॉजीटिव पाए गए कैदियों का इलाज कराया जाएगा। नियमित रूप से सेहत की जांच कराई जाएगी। जरूरी दवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिले में दो हजार से अधिक एचआइवी संक्रमित हैं। इनका इलाज अभी महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर से चल रहा है।

कैदियों को जागरूक करेगा जेल प्रशासन

बड़ी संख्या में एचआइवी पॉजीटिव पाए जाने से जेल प्रशासन की भी चिंता बढ़ गई है। जेल में पीड़ित कैदियों से अन्य कैदी किसी तरह का भेदभाव नहीं बरतें, इसके लिए जेल प्रशासन कैदियों के बीच शीघ्र ही जागरूकता अभियान चलाने पर विचार कर रहा है। जेल प्रशासन का मानना है कि अशिक्षा के अभाव में कई कैदी ऐसा कदम उठा सकते हैं। समय रहते अगर जागरूक कर लिए गए तो पीड़ितों को मानसिक रूप से परेशानी नहीं ङोलनी पड़ेगी। वैसे जेल प्रशासन ने ऐसे कैदियों की पहचान छिपा रखी है।

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