एटीएम में लगे कैमरे नहीं पहचान सकते चोर के चेहरे
हजारीबाग हमेशा से शहर में विभिन्न बैंकों में लगी एटीएम की सुरक्षा पर सवाल उठते रहे
हजारीबाग : हमेशा से शहर में विभिन्न बैंकों में लगी एटीएम की सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं। तीन माह पहले इचाक में एटीएम तोड़ कर 10 लाख से अधिक राशि गायब करने वाले चोर भी पकड़ के बाहर हैं। लगातार होती घटनाओं के बावजूद इनमें कोई सुधार नही हुआ है। एटीएम की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह एटीएम में लगे कैमरे हैं।
साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोगों की यह कोई मदद नही कर सकता है। यह हम नही कर रहे। साइबर शाखा की रिपोर्ट कह रही है। इसमें पाया गया है कि एटीएम में लगे कैमरे सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुख्ता नही हैं। कैमरों में कैद चेहरे स्पष्ट नही हो पाते। इस वजह से कई मामलों में चोर सबूत होते हुए भी कानून की जकड़ में आने से बच जा रहे हैं।
25 मामलों में सामने नहीं आए चेहरे
हजारीबाग की साइबर शाखा के अनुसार जनवरी से अब तक ऐसे 25 मामले आए जहां धोखाधड़ी या एटीएम का क्लोन बनाकर दूसरे के एकाउंट से पैसे निकाले गए। छह मामले पैगोड़ा चौक पर लगे एसबीआइ एटीएम के ही हैं। कैमरे की क्वालिटी खराब होने के कारण इनकी स्पष्ट तौर पर पहचान नही हो पाई है। बताया कि इंद्रपुरी चौक के पास लगी एटीएम मशीन के कैमरे की क्वालिटी खराब है। वैसे ही एसबीआइ मेन ब्रांच के पास लगी एटीएम में तो सामने ही धूप आती है, जिस वजह से कैमरे में फोटो साफ नही आ पाती। वैसे ही कई ऐसे एटीएम हैं, जिन्हें सिर्फ खानापूर्ति के लिए लगाया जाता है।
लगातार बढ़ रहे हैं साइबर ठगी के मामले
एटीएम बदल कर या क्लोन बनाकर पैसे निकासी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सात माह में 135 मामले साइबर शाखा ने दर्ज की है। इन्हें वैसे मामले सौंपे गए हैं, जिनमें सात लाख रुपये तक की ठगी हुई है।
कोट--
एटीएम में लगे कैमरे की क्वालिटी काफी खराब होती है। इस वजह से कई बार चेहरा साफ नही आ पाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं
- विमलेश कुमार, तकनीकी प्रभारी, साइबर शाखा