सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी

सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी है और यह आर्थिक स्तर पर समाज के निचले पायदान पर जीवनयापन कर रहे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 06:36 PM (IST)
सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी
सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी

सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा जरूरी है और यह आर्थिक स्तर पर समाज के निचले पायदान पर जीवनयापन कर रहे लोगों तक भी पहुंचनी चाहिए। वर्तमान शिक्षा पद्धति साक्षरता दर को तो बढ़ावा दे रही है ¨कतु आर्थिक खुशहाली एवं समृद्धि अभी भी अधिकांश लोगों से कोसो दूर है। शहरों की हालत तो कुछ अच्छी भी है ¨कतु गांव-देहात एवं सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों का जीवन अभी भी कई प्रकार की चुनौतियों से भरा पड़ा है। इन क्षेत्रों में स्कूल कॉलेज तो हैं ¨कतु भौतिक एवं मानवीय संसाधनों की भारी कमी है। ये शिक्षण संस्थान कोर्स पूरा करवाने और डिग्री बांटने के काम में लगे हुए हैं। किसी भी देश की शिक्षा-पद्धति उस देश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला होती है। देश के शिक्षण संस्थानों का यह क‌र्त्तव्य है कि वे सदैव विकासोन्मुखी ²ष्टिकोण अपनाए रखें अन्यथा वे जड़ता का शिकार हो जाएंगे। बदलते सामाजिक परि²श्य के साथ समाज की चुनौतियां बदलती रहती हैं। इन नई चुनौतियों का सामना करने के लिए, नई जरूरतों की पूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। प्रगतिशील सोच रखने वाले शिक्षा के तकनीकी विकास पर बारीक नजर रखते हैं और गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत करते हैं। दूसरी ओर यथास्थितिवादी नजरिया रखने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षा में हो रहे जरूरी बदलाव भी बेचैनी का कारण बन जाते हैं और वे बकायदा इसके विरोध पर भी उतर जाते हैं। इन शिक्षण संस्थानों को टापू होने से बचाना होगा। युवा और उत्साही शिक्षकों को आगे बढ़कर नेतृत्व की भूमिका निभानी होगी ताकि हमारे शिक्षण संस्थान छात्रों की जरूरतें पूरी करने के साथ साथ राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। डॉ बलदेव पांडेय

वरीय ¨हदी शिक्षक

डीएवी पब्लिक स्कूल हजारीबाग

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