विभागीय फरमान के बाद आरओ प्लांटों बंद करने का निर्णय

विभागीय फरमान के बाद आरओ प्लांटों को बंद करने का निर्णय

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 05:56 PM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 05:56 PM (IST)
विभागीय फरमान के बाद आरओ प्लांटों बंद करने का निर्णय
विभागीय फरमान के बाद आरओ प्लांटों बंद करने का निर्णय

गोड्डा : उद्योग विभाग के पत्रांक 467 दिनांक 23.11.2019 के पत्र के आलोक में जिले के सभी आरओ वाटर प्लांटों को बंद करने का निर्णय बुधवार को लिया गया। उद्योग विभाग ने आरओ वाटर प्लांट मालिकों को भूगर्भ जल आयोग द्वारा निर्गत अनापत्ति पत्र लिए जाने का फरमान सुनाया है। एनओसी नहीं मिलने पर 30 नवंबर को विभाग ने प्लांटों को सील करने का अल्टीमेटम दिया है। इसके विरोध में सभी प्लांट मालिकों ने स्वेच्छा से अपने प्लांट को 29 नवंबर से ही सामूहिक रूप से बंद करने का निर्णय लिया। शहर की चित्रगुप्त कॉलोनी में प्लांट मालिकों की बैठक के बाद उक्त निर्णय लिया गया। बैठक के पश्चात सभी मालिकों ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विभाग के कथित तुगलकी फरमान पर आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि वर्तमान में राज्य भूगर्भ जल आयोग अस्तित्व में है ही नहीं। इसे भंग कर दिया गया है। इस परिस्थिति में अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का आदेश किस प्रकार पारित किया गया। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि आखिर नगर परिषद द्वारा बिना कागजात के कैसे वाटर प्लांट के माध्यम से पेयजल की बिक्री की जा रही है। मालिकों ने कहा है कि विभाग द्वारा जिस तरह से मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मजबूर होकर प्लांटों को बन्द करने का निर्णय लिया गया है। प्लांट बंद होने से शहरी उपभोक्ताओं को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ेगा वहीं आरओ प्लांट में नियोजित लगभग 1500 कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे।

मालिकों ने बताया कि निर्णय की प्रतिलिपि अनुमंडल पदाधिकारी और महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र को भी दी गई है। मौके पर अनुज झा, मनी लाल यादव, संतोष भगत, रोहित कुमार गुप्ता, अनिल सिंह, मोहम्मद रिजवान, अशोक कुमार, मनोज भगत, मुन्ना भगत सहित जिले के तमाम ओपन जल प्लांट के मालिक मौजूद थे। बता दें कि आओ प्लांट के बंद हो जाने से शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। इन दिनों शादी ब्याह के मौसम के साथ चुनाव को लेकर भी गांवों में सरगर्मी है। ऐसे में विभिन्न आयोजनों सहित शादी समारोहों में इन्हीं प्लांट से पानी के जार मंगाए जाते हैं। शहर में जलापूíत की स्थिति काफी लचर है। सरकारी स्तर पर इसकी कोई व्यवस्था नहीं है।

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