सुख-दुख में साथ व विकास करनेवाले नेता को करेंगे वोट

महासमर इलेक्शन एक्सप्रेस फोटो - 01 - पोड़ैयाहाट-दुमका पैसेंजर ट्रेन से लाइव परमानंद मिश्र / पोडै़याहाट (गोड्डा) यह गोड्डा का पोडै़याहाट रेलवे स्टेशन है। यहां से दुमका के लिए पैसेंजर ट्रेन चलती है। स्टेशन पर शुक्रवार को भी आम लोगों की चहल कदमी है। ट्रेन के आने की सूचना हो चुकी है। यात्रीगण अपने अपने सामान समेटने में व्यस्त हैं । इसी बीच छुक छुक करती हुई ट्रेन प्लेटफार्म संख्या एक पर आकर खड़ी हो गई । यात्रीगण अपनी-अपनी सीट लेकर आराम से पसर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 05:31 PM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 05:31 PM (IST)
सुख-दुख में साथ व विकास करनेवाले नेता को करेंगे वोट
सुख-दुख में साथ व विकास करनेवाले नेता को करेंगे वोट

परमानंद मिश्र / पोडै़याहाट (गोड्डा) : यह गोड्डा का पोडै़याहाट रेलवे स्टेशन है। यहां से दुमका के लिए पैसेंजर ट्रेन चलती है। स्टेशन पर शुक्रवार को भी आम लोगों की चहल कदमी है। ट्रेन के आने की सूचना हो चुकी है। यात्रीगण अपने-अपने सामान समेटने में व्यस्त हैं। इसी बीच छुक छुक करती हुई ट्रेन प्लेटफार्म संख्या एक पर आकर खड़ी हो गई। यात्रीगण अपनी-अपनी सीट लेकर आराम से पसर गए। यहां तकरीबन आधे घंटे तक ट्रेन रुकती है। क्योंकि यह लास्ट स्टेशन है। यहां इंजन की दिशा बदली जाती है। इसी भीड़ में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं। आज जेवीएम प्रत्याशी का नामांकन भी है। झारखंड विकास मोर्चा के कुछ लोग वहां जुटे हुए हैं। कुछ लोग भागते-भागते ही स्टेशन पहुंचे हैं और लपक कर बोगी में सवार हो रहे हैं। ट्रेन खुलने में अब विलंब नहीं है। मैं भी खाली सीट देखकर बैठ गया। कार्यकर्ता भी ट्रेन पर सवार हो गए हैं। धीरे धीरे ट्रेन भी रफ्तार पकड़ रही है। सीट पर जमे लोग अब चुनावी चर्चा छेड़ दिए हैं। पोड़ैयाहाट इंटर कॉलेज के व्याख्याता नकुल महतो चुनावी चर्चा शुरू करते हैं। कहा कि अभी तक चुनाव को लेकर ज्यादा चहल पहल नहीं दिख रही है। आज जेवीएम का नामांकन है तो कार्यकर्ता झंडा के साथ दिख रहे हैं। इस बार चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा कहना कुछ मुश्किल है। सामने बैठे पारा शिक्षक अमित कुमार ने कहा कि इस बार झारखंड में रघुवर सरकार साफ हो जाएगी। इस सरकार ने 5 साल तक कुछ नहीं किया है। सिर्फ केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना बताकर जनता को ठगने का काम किया है। एक व्यक्ति जो मोबाइल देख रहा था, तपाक से बोल उठा इस सरकार से गांव के गरीब गुरुवा काफी खुश हैं और वोट तो गांव के लोग ही देते हैं। इसलिए आवश्यक संख्या जुटा लेगी और सरकार फिर से इसी की बनेगी। नकुल महतो ने कहां के झारखंड में जो होना है होगा, पोडै़याहाट में क्या होगा। अभी तक तीन तगड़ा उम्मीदवार नजर आ रहा है जिसमें झारखंड विकास मोर्चा से प्रदीप यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा से अशोक चौधरी एवं भारतीय जनता पार्टी से गजाधर सिंह प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। लगता है मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच होगा। इस बीच ट्रेन की सीटी बजी और ट्रेन की गति अचानक तेज हो गई। इस बीच बातचीत का कमान अमित कुमार ने संभाल लिया। कहने लगे पोडै़याहाट में भी चुनावी परिणाम कोई खास उलटफेर होने वाला नहीं है। कहीं ऐसा ना हो कि 2014 के चुनाव परिणाम की पुनरावृति हो जाए क्योंकि झारखंड विकास मोर्चा से प्रदीप यादव एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा से अशोक चौधरी दोनों ही पुराने हैं। सिर्फ गजाधर सिंह भारतीय जनता पार्टी से नए उम्मीदवार है। गत चुनाव में भाजपा से देवेंद्र सिंह थे। इस बार गजाधर सिंह को भाजपा ने उतारा है। इसलिए ज्यादा उलट-पुलट की संभावना कम नजर आ रही है। नकुल महतो ने भी जवाब दिया भाजपा में टिकट के बाद से कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोश एवं खींचातानी ज्यादा है । देवेंद्र सिंह, प्रशांत मंडल आदि टिकट के प्रबल दावेदार थे। दोनों के समर्थक खासे नाराज हैं। कहीं ना कहीं पार्टी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। इस बीच नागेंद्र सिंह ने खंडन करते हुए कहा कि सवाल ही नहीं उठता है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं में बिखराव होगा। समय के साथ-साथ सब ठीक हो जाएगा। कहने लगे कि अभी पोडै़याहाट विधानसभा में भाजपा को कम करके नहीं आंका जा सकता है। गत लोक सभा चुनाव परिणाम देख लीजिए। पार्टी को सभी जातियों का वोट मिला था। इस बीच सभी कोई जातिगत आधार पर चुनाव को की समीक्षा करने लगे। आदिवासी की संख्या, यादव वोटरों की तादाद, घटवालों की संख्या, वैश्य वर्ग सहित अन्य जातियों की संख्या का गिनती शुरू हुई। इसमें समीकरण उलझता रहा। जातिगत जनगणना में एक दूसरे को जोड़ते हुए कभी अशोक चौधरी तो कभी प्रदीप यादव तो कभी गजाधर सिंह को ये लोग जीता रहे। इस बीच गंगवारा स्टेशन पार कर ट्रेन हंसडीहा स्टेशन में रुकी। बोगी में बैठे हुए लोग जाति समीकरण के आधार पर चुनावी परिणाम की चर्चा करते रहे। कोई प्रदीप यादव को जीत का सेहरा पहना रहे थे तो कोई अशोक चौधरी को तो कोई गजाधर सिंह को। इसी बीच एक आदिवासी युवक भी चर्चा में शामिल हुआ। जो सबका बात सुन रहा था उसने एक बड़ी बात कह दी जिससे सभी पढ़े लिखे लोग उसकी ओर देखने लगे। उन्होंने कहा कि आप लोग चर्चा ही गलत कर रहे हैं। चुनाव आते ही जाति और धर्म की बात करते हैं। नेता लोग एक ही टेबल पर बैठकर खाना खाते हैं चाहे कोई रहे। खाली हम लोगों को बांट बांट कर रखता है । जाति धर्म से कुछ होने वाला नहीं है जो नेता काम करने वाला हो, जो नेता हमारे सुख दुख में साथ देता हो, जो 5 साल तक क्षेत्र में घूमा हो उसी नेता को वोट देना चाहिए। उसी नेता को जीतना भी चाहिए। मैंने बाहर देखा तो ट्रेन धीरे-धीरे कुरमाहाट स्टेशन में लगने वाली थी। मेरा स्टेशन आ गया था। मैं और मेरे साथ कई यात्री कुरमाहाट स्टेशन में उतर कर उस आदिवासी की बातों को सोचते हुए गंतव्य की ओर चल दिया। एक अनपढ़ एवं ग्रामीण आदिवासी ने जो जवाब दिया वह काबिले तारीफ था।

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