तेलंगाना के रंगय्या ने गोड्डा से भरा पर्चा

जासं गोड्डा अंतिम चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ बीते 22 अप्रैल से ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन पहले दो दिन एक भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया था। तीसरे दिन बुधवार को वीजीएपी उम्मीदवार के रूप में तेलंगाना प्रांत के निवासी के रंगय्या ने पर्चा दाखिल किया। के रंगय्या के पिता का नाम के नारायणा है। ये तेलंगाना के नलगोंडा जिला के रहने वाले हैं। उन्होंने बुधवार की दोपहर बाद निर्वाची पदाधिकारी किरण कुमारी पासी को नामांकन प्रपत्र सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 07:38 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 07:38 PM (IST)
तेलंगाना के रंगय्या ने गोड्डा से भरा पर्चा
तेलंगाना के रंगय्या ने गोड्डा से भरा पर्चा

गोड्डा : अंतिम चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ बीते 22 अप्रैल से ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन पहले दो दिन एक भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया था। तीसरे दिन बुधवार को वीजीएपी उम्मीदवार के रूप में तेलंगाना प्रांत के निवासी के रंगय्या ने पर्चा दाखिल किया। रंगय्या के पिता का नाम के नारायणा है। ये तेलंगाना के नलगोंडा जिला के रहने वाले हैं। उन्होंने बुधवार की दोपहर बाद निर्वाची पदाधिकारी किरण कुमारी पासी को नामांकन प्रपत्र सौंपा। नामांकन के बाद रंगय्या ने बताया कि पूरे झारखंड में पिछड़ी जाति की सबसे विकट स्थिति गोड्डा में है, इसको देखते हुए यहां का पिछड़ेपन दूर करने चुनाव मैदान में उतारा हूं। कि वे मुंबई यूनिवर्सिटी से 1969 - 71 में वेटनरी साइंस में एमएससी करने के बाद करीब नौ साल तक वेटनरी डिपार्टमेंट में नौकरी भी किए। इसके बाद नौकरी छोड़कर समाज सेवा में लग गए। इसी क्रम में पहली बार 1979 में नालगोड़ा से विधायक के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा हुआ। लगातार तीन बार नालगोड़ा से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा। अब तक सफलता नहीं मिली है। इस बार भी नालगोंडा से लोकसभा के लिए नामांकन किया था। लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया। अब गोड्डा से किस्मत आजमा रहा हूं। रंगय्या को एक बेटा और दो बेटी है। बेटा यूएसए में साफ्टवेयर इंजीनियर है, बड़ी बेटी यूएसए में प्रोफेसर है। वहीं छोटी बेटी अपनी मां के साथ नलगोंडा में रहती है।

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