अच्छा वातावरण दें तो बेटियां भी भरेंगी उड़ान

सदर प्रखंड सभागार में गुरुवार को उमंग परियोजना के तहत साथी एवं आईसीआरडब्लू के संयुक्त तत्वाधान में किशोरी सशक्तिकरण में पुरूषों की सहभागिता पर एक दिवसीय विचार गोष्टी का आयोजन प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी राम कुमार साह की अध्यक्षता में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 06:22 AM (IST)
अच्छा वातावरण दें तो बेटियां भी भरेंगी उड़ान
अच्छा वातावरण दें तो बेटियां भी भरेंगी उड़ान

गोड्डा : सदर प्रखंड सभागार में गुरुवार को उमंग परियोजना के तहत साथी एवं आइसीआरडब्लू के संयुक्त तत्वाधान में किशोरी सशक्तिकरण में पुरूषों की सहभागिता पर एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी राम कुमार साह की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान प्रखंड पंचायतीराज पदाधिकारी राम कुमार साह ने कहा कि किशोरियों का सशक्तिकरण तभी संभव है जब पुरुष उन्हें अवसर प्रदान करें, उन्हें अच्छी शिक्षा, अच्छा वातावरण दें तो बेटियां भी लम्बी उड़ान भरेगी और कामयाबी हासिल करने में पीछे नही रहेगी। इन्होंने कहा कि उमंग परियोजना गोड्डा के लिए एक अवसर है जो बाल विवाह को कम करने में एक गति प्रदान करेगा। इन्होंने मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि पंचायत एवं ग्राम सभा की बैठकों में इन मुद्दों पर चर्चा करें, ग्राम सभा की तर्ज पर गांव में किशोरी सभा का आयोजन हो ताकि हर परिवार किशोरी सशक्तिकरण की महत्ता को समझे और किशोरियों को उड़ान भरने का मौका दे। इन्होंने कहा कि इसके साथ दहेज प्रथा पर भी रोक लगे। ऐसे में इस पर भी अभियान चलाने की बात कही। आइसीआरडब्लू के परियोजना प्रमुख डॉ. नसरीन जमाल ने कहा कि जरूरत है पुरुष सत्ता सोच को बदलने की। इसको लेकर समुदाय स्तर पर काम करना होगा। इसके लिए ग्रामसभा स्तर पर चर्चा कर जागरूक करने की जरूरत है। आइसीआरडब्लू के राज्य प्रबंधक राजेन्द्र सिंह ने कहा कि पिता पुत्र एवम पुत्री में संवाद हो परिवार एवं समुदाय में किशोरियों का महत्व दिया जाय । इन्होंने कहा कि किशोर किशोरियों के बीच जेंडर एवम शादी को लेकर संवाद हो ,बाल विवाह रोकने के लिए इसके विभिन्न हितग्राही को संवेदनशील करने की जरूरत है। पारस वर्मा ने एक गोड्डा के अध्ययन का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि 10 से 14 वर्ष आयु किशोरियों का विद्यालय से छीजन हो जाता है, विद्यालय छूटने के 1 से 2 वर्ष के अंदर लड़कियों की शादी हो जाती है लड़कियों की शादी का निर्णय 92 प्रतिशत निर्णय माता पिता लेते है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण व विषय प्रवेश करते हुए डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि किशोरी सशक्तिकरण में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम है आपके सहयोग से गांव स्तर पर लोग अधिक से अधिक जागरूक हो पाएंगे। गोष्ठी में वार्ड सदस्य, कमल क्लब के सदस्य, स्वयं सेवक साथी संस्था से विभाष चंद्र, सुबोध, संध्या, नरेंद्र, नेहा, सुधांशु, ब्रजकिशोर, अंजलि, अर्चना, हेमकांत, दीपिका, गायत्री एवं आइसीआरडब्लू विनीत के सदस्य मौजूद थे।

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