किसानों के लिए वरदान साबित हो रही रेल परियोजना

पोड़ैयाहाट (गोड्डा) गोड्डा- पोड़ैयाहाट रेल परियोजना के कार्य से जल संरक्षण को लेकर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 08:53 PM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 05:13 AM (IST)
किसानों के लिए वरदान साबित हो रही रेल परियोजना
किसानों के लिए वरदान साबित हो रही रेल परियोजना

पोड़ैयाहाट (गोड्डा): गोड्डा- पोड़ैयाहाट रेल परियोजना के कार्य से जल संरक्षण को लेकर कृषि कार्य तक में किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है। यहां जल संरक्षण को लेकर सरकार का एक पैसा खर्च नहीं हो रहा है, बावजूद इसके कई बड़े-बड़े तालाब और सीवेज टैंक बनते जा रहे हैं। जिसका लाभ सीधे किसानों को मिल रहा है।

आनेवाले समय में इन क्षेत्रों के जलस्तर में भी सुधार होने के संकेत हैं। हंसडीहा से पोड़ैयाहाट और फिर पोड़ैयाहाट से गोड्डा के बीच तकरीबन 32 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। इस रेल लाइन के निर्माण को लेकर काफी मिट्टी की जरूरत पड़ रही है। संवेदक आसपास के सरकारी जमीन या फिर किसी निजी व्यक्ति के जमीन की खुदाई कर उसे पोखरनुमा और गड्ढानुमा बनाकर अपनी जरूरत को पूरा कर रहे हैं। इसी दौरान कई दर्जन पोखर और सीवेज टैंक बन चुके हैं। रेल लाइन के किनारे स्थित चरकाटांड़, दीपना, खैरवारी, सकरी ,अमुवार, सुगाथान, हरियारी ,नवडीहा , कठौन सहित दर्जनों गांव के आसपास इस खुदाई से तकरीबन 70 छोटे बड़े तालाब बन चुके हैं। इसमें अभी काफी पानी जमा है और उस पानी से आसपास के क्षेत्रों के किसान लाभान्वित भी हो रहे हैं।

नवडीहा गांव के किसान सुमन पंडित ,श्याम जायसवाल , हरियारी के सुशील टूडू , कठौन के भूदेव कुमार साह, शिवशंकर मंडल, सकरी को विनोद कुमार आदि ने बताया कि रेल परियोजना के लिए मिट्टी उठाव के बाद जो गड्ढा हुआ है वह काफी उपयोगी बन रहा है। यह तालाब का आकार ले रहा है। इससे खरीफ और रबी दोनों फसल में लाभ मिल रहा है। साथ ही जलस्तर में भी में वृद्धि हो रही है। आसपास के क्षेत्रों में किसान खेती करने में उसी जमा हुए जल का उपयोग कर रहे हैं। रेल लाइन निर्माण के दौरान कई निजी रैयतों की बेकार पड़ी जमीन पर अब पोखर बन जाने से वहां मत्स्य पालन की संभावना भी बढ़ गई है। कई किसानों ने तो जमीन का समतलीकरण कराकर अब उसमें खेती भी कर रहे हैं।

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