सरकारी सेवकों की पेंशन छीन सांसदों व विधायकों का पेंशन बढ़ा रही सरकार

गोड्डा केंद्र सरकार ने एक दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त होनेवाले सरकारी कर्मचारियों और

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 06:48 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 06:48 PM (IST)
सरकारी सेवकों की पेंशन छीन सांसदों व विधायकों का पेंशन बढ़ा रही सरकार
सरकारी सेवकों की पेंशन छीन सांसदों व विधायकों का पेंशन बढ़ा रही सरकार

गोड्डा : केंद्र सरकार ने एक दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त होनेवाले सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों को पेंशन से वंचित कर दिया गया है। पेंशन ही कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे का सहारा है। पूरे जीवन सेवा देने के बाद बुढ़ापे में मिलनेवाली पेंशन को ही सरकार ने छीन लिया है, जिससे सामाजिक सुरक्षा से वे वंचित हो गए है। सरकार पेंशन की जगह नई नीति लेकर आई जिसके आधीन कर्मचारियों के अंशदान को शेयर मार्केट में निवेश कर दिया गया। उक्त बातें झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के जिला मंत्री मुजहिदुल इस्लाम ने कही। वे शनिवार को जिला मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बताया कि सरकारी सेवकों की पेंशन खत्म करने की तिथि एक दिसंबर को काला दिवस मानते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की जाएगी।

सेवा निवृत्ति के बाद अंशदान की राशि के बाजार मूल्य का 60 प्रतिशत राशि कर्मचारी को और 40 प्रतिशत पेंशन प्राधिकरण को देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत वैसे कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर 1500 से 2000 रुपये मासिक पेंशन निर्धारित होती है। इससे वर्तमान में भरण-पोषण संभव नहीं है। एक तरफ सरकार ने सरकारी सेवकों से पेंशन छीन ली। दूसरी तरफ विधायकों और सांसदों को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं बढ़ा दी गई है। यह भेदभाव की भावना को दर्शाता है। यदि पेंशन की व्यवस्था को समाप्त करनी है तो सरकार की नीति गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए है। किसान विरोधी बिल को लेकर पूरे देश के किसान आंदोलित हैं। वहीं इस सरकार का वादा वन रैंक वन पेंशन को भी लागू नहीं किया गया। एक तरफ व्यवस्थाएं निजी हाथों में देकर राज्य अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है, वहीं दूसरी तरफ आम जनता के हितों को ध्यान में न रखकर पूंजीपति और बाजार की तरफ अपना रुख किए हुए हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग ही प्रभावित होंगे। सरकार की पेंशन नीति के विरोध में एक दिसंबर को राज्य भर में सरकारी सेवकों के द्वारा काला दिवस मनाते हुए आक्रोश प्रकट कर अपनी भावना को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

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