यहां बगैर कमीशन नहीं होता कोई काम

संसडुमरी/निमियाघाट (गिरिडीह) आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 15 सूत्री मांगों को लेकर स

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 01:01 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 01:01 AM (IST)
यहां बगैर कमीशन नहीं होता कोई काम
यहां बगैर कमीशन नहीं होता कोई काम

संस,डुमरी/निमियाघाट (गिरिडीह): आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 15 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को प्रखंड मुख्यालय में धरना दिया। डुमरी विस प्रभारी यशोदा देवी ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। बिना कमीशन दिए कोई कार्य नहीं होता है। हेमंत सरकार ने विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े व झूठे वादे कर आम जनता को ठगा है। सरकार का कार्यकाल एक साल पूरा हो जाने के बावजूद झामुमो व कांग्रेस वादों को पूरा करने में विफल रही है। महागठबंधन सरकार में भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, अपहरण व हत्या की घटनाएं बढ़ी हैं।

जिलाध्यक्ष गुडू यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार को जिन युवाओं ने वोट दिया था उनके साथ ही हेमंत सोरेन ने छल किया है। 1500 यूनिट बिजली फ्री में देने का झूठा वादा कर लोगों के साथ विश्वासघात किया है। बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ को राज्यपाल के नाम 15 सूत्री मांग पत्र सौंपा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डुमरी प्रखंड अध्यक्ष काशी महतो ने की। मौके पर जिप सदस्य टीपन महतो, छक्कन महतो, समाजसेवी प्रदीप मंडल, पप्पू कुमार, मुखिया संघ के अध्यक्ष फलजीत महतो, शंभू महतो, चुरामणी महतो, गुलाबचंद महतो, छात्र नेता सतीश महतो, अशोक यादव, मुखिया रामप्रसाद महतो आदि थे।

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पूंजीपतियों के फायदे लिए नए कृषि कानून

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश में चल रहे आंदोलन का राष्ट्रीय किसान मोर्चा ने भी समर्थन किया है। मोर्चा ने शहर के आंबेडकर चौक में तीन दिनों तक धरना-प्रदर्शन करते हुए आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया। वक्ताओं ने कहा कि नए कृषि कानून पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020 के माध्यम से सरकार पूंजीपतियों को अनाज की जमाखोरी करने की खुली छूट दे रही है। यह भारतीय खाद्य निगम बंद करने की साजिश है। यदि भारतीय खाद्य निगम बंद हो गया तो देशभर के गांवों में कोटे की दुकानें बंद हो जाएंगी। इससे गरीब और मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे। फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की इस कानून में कहीं कोई जगह नहीं दी गई है। इसके विरोध में पूरे देश के किसानों में आक्रोश है। इस आंदोलन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, बहुजन मुक्ति पार्टी, बहुजन क्रांति मोर्चा आदि संगठनों का सहयोग मिला वक्ताओं में डा. बरनवास हेम्ब्रम, सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, रोहित वर्मा, ब्रह्मदेव प्रसाद, प्रवीण कुमार, महेंद्र रजक, ओम प्रकाश महतो, बैजनाथ प्रसाद वर्मा, अरविद पासवान, अरविद वर्मा, रतन पासवान आदि शामिल थे।

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