रघुवर सरकार के चार साल : पूरी हुईं कई घोषणाएं, अधर में हैं कई

गिरिडीह : झारखंड में रघुवर दास सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं। इस सरकार ने जनि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 05:51 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 05:51 PM (IST)
रघुवर सरकार के चार साल : पूरी हुईं कई घोषणाएं, अधर में हैं कई
रघुवर सरकार के चार साल : पूरी हुईं कई घोषणाएं, अधर में हैं कई

गिरिडीह : झारखंड में रघुवर दास सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं। इस सरकार ने जनहित में कई योजनाओं की घोषणा की। अपनी घोषणा के अनुरूप सरकार ने योजनाओं को धरातल पर उतारने की पहल भी शुरू की। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कई योजनाओं की नींव पड़ी, कइयों का तीव्र गति से निर्माण भी प्रारंभ हुआ, लेकिन कई घोषणाएं आज भी अधर में लटकी हुई हैं। हालांकि सरकार के इस चार साल के कार्यकाल में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास तो हुआ, लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन और विकास की जो गति होनी चाहिए, वह देखने को नहीं मिल रही है। यही वजह है कि समय सीमा पूर्ण हो जाने के बाद भी कई योजनाएं पूर्ण नहीं हो पाई हैं। यदि देख जाए तो सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती योजनाओं को समय सीमा के अंदर पूर्ण कराना है।

इन योजनाओं पर चल रहा काम :

गिरिडीह के गुजियाडीह में नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा को मूर्तरूप देने की पहल सरकार ने शुरू कर दी है। इसके लिए वहां भवन का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि पीरटांड़ के पालगंज में एकलव्य विद्यालय के लिए भवन का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। मधुबन मोड़ में बस पड़ाव का निर्माण भी अंतिम चरण में है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र हरलाडीह में एक बड़ा अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी क्षेत्र के चिरकी-पलमा पथ का निर्माण भी जारी है, लेकिन इसकी गति धीमी है।

नहीं हुई डॉक्टर की व्यवस्था :

शहर से सटे चैताडीह में मातृ शिशु कल्याण केंद्र का उद्धाटन कर इसका संचालन प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन अब तक यहां चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। डॉक्टर के अभाव में मरीजों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह आयुष अस्पताल को अब तक चालू नहीं किया जा सका है। बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्रित्व काल में इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था, लेकिन यह अब भी उपयोग विहीन साबित हो रहा है। इसके अलावा बाल सुधार गृह का भी संचालन यहां प्रारंभ नहीं हो पाया है। इसके लिए लाखों रुपये की लागत से वर्षों पूर्व भवन का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन यह अब भी उद्घाटन की बाट जो रहा है।

शुरू नहीं हुआ पावर हाउस का निर्माण : पालगंज में पावर हाउस बनाने की घोषणा सरकार ने की है, लेकिन अब तक इसकी नींव भी नहीं रखी जा सकी है। खुखरा में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराने की घोषणा तो सरकार ने की है, लेकिन इस पर भी काम प्रारंभ नहीं हो सका है।

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