उपद्रवियों की तलाश में रातभर गलियों की खाक छानती रही पुलिस

हुटी बाजार स्थित महादेव तालाब मे भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा विसर्जन कर लौट रहे लोगों पर सोमवार की रात पथराव के बाद भड़की हिंसा को प्रशासन ने अपनी आक्रामकता व कुशल रणनीति से चंद घंटों में ही शांत कर दिया।

By Edited By: Publish:Wed, 21 Sep 2016 01:04 AM (IST) Updated:Wed, 21 Sep 2016 02:50 AM (IST)
उपद्रवियों की तलाश में रातभर गलियों की खाक छानती रही पुलिस

गिरिडीह। नगर थाना क्षेत्र के हुटी बाजार स्थित महादेव तालाब मे भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा विसर्जन कर लौट रहे लोगों पर सोमवार की रात पथराव के बाद भड़की हिंसा को प्रशासन ने अपनी आक्रामकता व कुशल रणनीति से चंद घंटों में ही शांत कर दिया। प्रशासन की सख्ती देख उपद्रवी बिल में दुबक गए। प्रशासन यदि सतर्क नही होता तो हुटी बाजार की यह आग गिरिडीह के अन्य क्षेत्रो में भी फैल जाती। इस घटना के बाद हुटी बाजार और आसपास के इलाकों में जनजीवन तो सामान्य हो गया पर तनाव अभी बरकरार है।

इधर पूरे इलाके में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है। इस घटना में जख्मी हुटी बाजार के मो. नवाब को सदर अस्पताल से मंगलवार की सुबह इलाज के लिए पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया गया। उसके सिर पर गंभीर चोट लगी है। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्ष के दर्जनों लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है।

सोमवार की रात पथराव और आगजनी की सूचना मिलते ही उपायुक्त उमाशंकर ¨सह, एसपी अखिलेश बी वारियर मौके पर पहुंच गए। उस वक्त हटिया के पीछे से उपद्रवी नारेबाजी कर रहे थे। प्रतिमा विसर्जन कर चुके दूसरे पक्ष के लोग दूसरी ओर से जवाबी नारेबाजी कर रहे थे। मौके पर पहुंचते ही डीसी और एसपी ने पुलिस को दोनों ओर की कमान संभालने का निर्देश दिया।

स्वयं अगुवाई करते हुए पुलिस टीम के साथ कुरैशी मुहल्ले की ओर गए। इसके बाद पुलिस ने कुरैशी मुहल्ला, मुस्लिम बाजार, हुटी बाजार, बड़ा चौक, महादेव तालाब रोड समेत एक-एक इलाके को छान मारा। किसी को भी घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी। डीसी-एसपी रात करीब एक बजे नगर थाना पहुंचे। इसके बाद वही से दिशा-निर्देश देते रहे। एएसपी अभियान कुणाल, डीएसपी विजय ए कुजूर, मनीष टोप्पो, नगर थाना प्रभारी वीरेंद्र राम समेत बड़ी संख्या में जवान रातभर मुस्तैद रहे।

डीजे व नारेबाजी से बिगड़ी बात

हुटी बाजार में विसर्जन के दौरान डीजे पर तेज ध्वनि में एक खास सीडी बजने व नारेबाजी से स्थिति बिगड़ी। राम मंदिर से जुड़ी उस सीडी के बजने से एक खास समुदाय के लोगों को यह अहसास होता है कि उन्हें उकसाने के लिए वह सीडी बजाई जाती है। इस कारण विसर्जन के बाद खास समुदाय के कुछ युवकों ने पथराव कर दिया और स्थिति अनियंत्रित हो गयी। जानकार लोग कहते हैं कि रोड़ेबाजी करने वाले तो दोषी हैं, लेकिन किसी को उकसाने वाली सीडी बजाकर माहौल बिगाड़ने वाले भी कम दोषी नही है।


दुर्गापूजा व मुहर्रम पर टकराव की आशंका

हुटी बाजार की आग पर प्रशासन ने भले ही अपनी आक्रामकता से काबू पा लिया हो, लेकिन दुर्गापूजा और मुहर्रम पर टकराव की आशंका बरकरार है। दोनों त्योहार शांतिपूर्वक व सौहार्द के माहौल में संपन्न हो इसके लिए प्रशासन को कठोर निर्णय लेना होगा। त्योहार के मामले में गिरिडीह पहले से ही संवेदनशील रहा है। इस बार विशेष परेशानी यह है कि दुर्गापूजा और मुहर्रम दोनो लगभग एक साथ है। विजयादशमी जहां 11 अक्टूबर को, मुहर्रम इसके ठीक एक दिन बाद 12 अक्टूबर को है। मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना प्रशासन के लिए कठिन चुनौती है। 11 अक्टूबर तक मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन नही होने के कारण 12 अक्टूबर को भी शहर में दुर्गापूजा की धूम रहती है। ऐसे में मुहर्रम के जुलूस एवं दुर्गापूजा पंडालों की भीड़ को एकसाथ नियंत्रित करना प्रशासन के लिए कठिन होगा।

किसी भी कीमत पर विधि व्यवस्था और सौहार्द का माहौल बिगाड़ने नही देगे, जो भी ऐसा करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उमाशंकर सिंह, उपायुक्त, गिरिडीह

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