सिविल सर्जन, डीएफओ समेत चार अधिकारियों के एक दिन के वेतन पर रोक

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: समाहरणालय के सभाकक्ष में गुरुवार को आयोजित सड़क सुरक्षा समिि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 11:37 PM (IST)
सिविल सर्जन, डीएफओ समेत चार अधिकारियों के एक दिन के वेतन पर रोक
सिविल सर्जन, डीएफओ समेत चार अधिकारियों के एक दिन के वेतन पर रोक

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: समाहरणालय के सभाकक्ष में गुरुवार को आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भाग नहीं लेनेवाले आला अधिकारियों को महंगा पड़ा। इसमें भाग नहीं लेनेवाले सिविल सर्जन डॉ. रामरेखा प्रसाद, डीएफओ पूर्वी राजकुमार साहा, जिला शिक्षा पदाधिकारी कमला ¨सह व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद के एक दिन के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। यह आदेश बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी उपायुक्त सह उप विकास आयुक्त मुकुंद दास ने दिया। एक विभाग के कनीय अभियंता को बैठक से बाहर कर दिया गया। इसके साथ ही नगर आयुक्त गणेश कुमार को ¨चता भरा पत्र भेजने का भी आदेश दिया गया। प्रभारी उपायुक्त के इस तेवर से सभी अधिकारी अचंभित थे।

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लोगों के जीवन-मृत्यु के सवाल पर चर्चा की जाती है। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं जो ¨चता का विषय है। यहां सड़क हादसे को रोकने को लेकर चर्चा की जाती है। साथ ही जागरूकता अभियान चलाने को लेकर भी रणनीति तैयार कर उसके अनुरुप कार्य को संपादित किया जाता है। इसमें कोताही बरतना कहीं से भी उचित नहीं है।

पांच दिनों तक चलेगा संयुक्त अभियान: बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। शहर में पांच दिनों तक ट्रैफिक इंस्पेक्टर एवं परिवहन विभाग के पीआइओ संयुक्त रूप से सड़कों पर जांच अभियान चलाएंगे। इस अभियान में ब्रेथ एनलाइजर का भी उपयोग किया जाएगा। बगैर हेलमेट पहने वाहन चलानेवालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किए बिना ही उनकी भावनाओं को झकझोरने के लिए फूल देकर सम्मानित किया जाएगा। ओवरलो¨डग एवं ओवरस्पी¨डग के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा। इस प्रकार का अभियान सभी अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम सप्ताह में एक दिन चलाएंगे।

कार्यक्रमों के जरिए लोगों को किया जाएगा जागरूक: सड़क सुरक्षा को लेकर जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को जागरूक करने का भी निर्णय लिया गया। तय किया गया कि जिले में संचालित बस स्टैंडों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें वाहन मालिक एवं वाहन चालकों की उपस्थिति रहेगी। चालकों से शराब पीकर वाहन नहीं चलाने की अपील की जाएगी। साथ ही शराब का सेवन कर वाहन चलाने के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। वहीं वाहन मालिकों से कहा जाएगा कि वे चालकों के स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें। वे वाहन को चलाने के लिए वैसे ही चालकों को आदेश दें, जिनका स्वास्थ्य ठीक हो। अगर कोई बीमार चालक वाहन चलाता है तो हादसे की संभावना बढ़ जाती है। इसी प्रकार जिले के सभी कॉलेजों के साथ ही प्लस टू स्कूलों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बच्चों को सड़क हादसे को रोकने के लिए परिवहन के नियमों की जानकारी दी जाएगी।

कनीय अभियंता को बैठक से किया बाहर: सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने कनीय अभियंता विजय रवानी को वहां भेज दिया। प्रभारी उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लिया और उन्हें बैठक से बाहर जाने का आदेश दे दिया।

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