Crime: अदालत के सजा सुनाते ही लोगों को धक्का देकर भागा अपराधी, अवैध संबध के चक्कर में हत्या को दिया था अंजाम

गुरुवार करीब तीन बजे हत्याकांड के एक आरोपी को न्यायालय ने जैसे ही दोषी करार दिया वैसे ही दोषी लोगों को धक्का देते हुए फरार हो गया। हालांकि दोषी को देर शाम एक बस गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायालय से फरार होने वाले दोषी का नाम राकेश कुमार यादव है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 23 Mar 2023 09:07 PM (IST) Updated:Thu, 23 Mar 2023 09:07 PM (IST)
Crime: अदालत के सजा सुनाते ही लोगों को धक्का देकर भागा अपराधी, अवैध संबध के चक्कर में हत्या को दिया था अंजाम
न्यायालय के सजा सुनाते ही फरार हुआ दोषी।

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे हत्याकांड के एक आरोपी को न्यायालय ने जैसे ही दोषी करार दिया, वह न्यायालय के कर्मियों को धक्का देते हुए भागने लगा। इस घटना से न्यायल में अफरातफरी मच गई। हालांकि दोषी को देर शाम एक बस गिरफ्तार कर लिया गया। न्यायालय से फरार होने वाले दोषी का नाम राकेश कुमार यादव है।

जिला अदालत ने हत्याकांड में राकेश कुमार यादव, भुनेश्वरी देवी और मनोज पंडित को दोषी करार देते हुए न्यायिक कस्टडी में लेने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश सुनते ही राकेश कुमार यादव न्यायालय से भाग फरार हो गया।

फरार होने पर न्यायालय प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया। दोषी राकेश धनबाद जाने वाली एक बस पर बैठा था। नगर पुलिस ने दल-बल के साथ हत्यारा राकेश को बस से उतार कर लाई। इसके बाद न्यायालय ने कड़ी सुरक्षा में तीनों को सेंट्रल जेल भेजा गया। अब तीनों हत्यारा की सजा के बिंदुओं पर सुनवाई अगले सप्ताह सोमवार को होनी है।

अवैध संबंध बना हत्याकांड का कारण

छह मई, 2012 को सरिया रेलवे स्टेशन के आगे एक व्यक्ति का शव पाया गया था। उसके जिसके शरीर में जख्म के निशान थे। दूसरे दिन भोला पांडेय नामक एक युवक शव की पहचान अपने पिता बलगोबिंद पांडेय के रूप में की। युवक ने बताया कि छह मई को उसके पिता पूजा के लिए भुनेश्वरी देवी और मनोज पंडित के साथ गए थे। अंतिम बार उनके पिता को इन तीनोें के साथ देखा गया था।

पुलिस ने अपनी जांच में पाया गया था कि भुनेश्वरी देवी का अवैध संबंध राकेश कुमार यादव से था। यादव होमगार्ड जवान है। भुनेश्वरी देवी सरिया में सब्जी की दुकान चलाती थी। अवैध संबंध के लिए राकेश उसके गांव धुरगल्ली जाता था। इस बात को लेकर गांव में पंचायती हुई थी। पंचायत का नेतृत्व बलगोबिंद पांडेय कर रहे थे।

बलगोबिंद पांडेय के पुत्र ने यह भी बताया था कि भुनेश्वरी देवी ने उसके पिता से 50 हजार रुपए कर्ज भी लिया था। कर्ज की राशि वापस नहीं करने और अवैध संबंध का विरोध करने के कारण बलगोबिंद पांडेय की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पीपी सुधीर कुमार ने गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की। बचाव पक्ष से अधिवक्ता नरेंद्र राय ने पैरवी की थी।

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