सौभाग्य बनी 'दुर्भाग्य', बाल-बाल बचे बच्चे

संवाद सहयोगी, सरिया (गिरिडीह): सरिया प्रखंड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण (प्रधानम

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Nov 2018 07:32 PM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 07:32 PM (IST)
सौभाग्य बनी 'दुर्भाग्य', बाल-बाल बचे बच्चे
सौभाग्य बनी 'दुर्भाग्य', बाल-बाल बचे बच्चे

संवाद सहयोगी, सरिया (गिरिडीह): सरिया प्रखंड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण (प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना) के तहत बिजली के नए खंभे तथा तार लगाने का काम युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है, लेकिन यह योजना भी गांवों को रोशन करने में नाकाम साबित हो रही है।

प्रखंड क्षेत्र में उक्त योजना को पूरा करने का ठेका गोपीकृष्णा कंपनी ने लिया है, लेकिन आरोप है कि कंपनी के कर्मचारी इन दिनों जैसे-तैसे बिजली के खंभे गाड़कर कोरम पूरा कर रहे हैं। कोयरीडीह-चिचाकी पथ स्थित मायापुर गांव में इसका सबूत भी मिलता है। गांव में लगाए गए अधिकतर खंभे झुक गए हैं। गुरुवार की सुबह लगभग छह बजे बिजली का एक खंभा बीच सड़क पर आ गिरा। इसे सौभाग्य ही कहा जाए कि ट्यूशन पढ़ने जा रहे कुछ बच्चे उसकी चपेट में आने से बच गए। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।

लोगों ने कहा कि ठेकेदार ने निम्न स्तर के पेटी कॉन्टेक्टर को काम दिया है। इससे जैसे तैसे काम कराने का सच सामने आ रहा है। खंभों में बिना स्टेक दिए केबल तार खींच दिया गया है जिस कारण उसके झुकने व गिरने की घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस क्षेत्र में बिजली विभाग के काम में भारी अनियमितता बरती जा रही है।

ज्ञात हो कि इससे पहले भी कोइरीडीह, पूरनीडीह आदि पंचायतों के विभिन्न गांवों में हो रही अनियमितता की शिकायत को लेकर ग्रामीण अनिल शर्मा के नेतृत्व में इस वर्ष 23 अगस्त को ग्रामीणों ने बिजली खंभा लगाने के कार्य को बंद करा दिया था। इसके समाधान के लिए विभाग के एसडीओ (डुमरी) ने स्थल पर आकर सही ढंग से काम कराने का अश्वासन दिया था पर किसी कार्य में कोई सुधार नहीं हुआ, जिस कारण एक बार फिर मायापुर के ग्रामीणों ने गुरुवार को काम रोक दिया। लोगों ने कहा कि उक्त घटिया कार्य की शिकायत मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से पत्र लिखकर करेंगे। मौके पर रमेश पांडेय, अनिल शर्मा, पंसस प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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