डेंगू से बचाव को जागरूकता जरूरी

राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में शनिवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया या कार्यक्रम सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई कार्यक्रम के क्रम में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए डेंगू से बचाव को लेकर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों में जाग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 07:50 PM (IST) Updated:Sun, 17 May 2020 06:15 AM (IST)
डेंगू से बचाव को जागरूकता जरूरी
डेंगू से बचाव को जागरूकता जरूरी

गिरिडीह: राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में शनिवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएस डॉ अवधेश कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में संपन्न कार्यक्रम में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए डेंगू से बचाव को लेकर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया। सिविल सर्जन ने कहा कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस हर वर्ष 16 मई को मनाया जाता है। इस वर्ष प्रभावी सामुदायिक सहभागिता के साथ डेंगू को जड़ से खत्म करने पर जोर दिया गया है। सहभागिता ही डेंगू नियंत्रण की कुंजी है। डेंगू को अधिसूचित बीमारी के रूप में चिन्हित किया गया है। यह एक वायरल रोग है जो संक्रमित मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है, लेकिन इस रोग पर नियंत्रण के लिए किसी प्रकार का टीका या दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इससे बचाव को लेकर स्वच्छता बरतने की ज्यादा आवश्यकता है। साथ ही डेंगू से बचाव को लेकर जन जागरूकता एवं मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट करना ही एक उपाय है। जन समुदाय जब तक इससे बचाव को लेकर सजग नहीं होगा तब तक डेंगू पर नियंत्रण असंभव है। उन्होंने डेंगू के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि इससे संक्रमित होने पर अचानक तेज बुखार होना, तेज सिर दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द होना, छाती एवं हाथों में दाने निकालना एवं मसूड़ों से रक्त आना प्रमुख लक्षण है। ऐसे में डेंगू से बचाव को लेकर घरों के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए जल जमाव से बचने की जरूरत है। डेंगू एवं चिकनगुनिया अधिकांशत शहरी क्षेत्र में ही फैलता है। इसके फैलने की अवधि जुलाई से लेकर दिसंबर माह तक की होती है। ऐसे में लोगों को साफ सफाई पर जोर देते हुए डेंगू से बचने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इससे जागरूक करने के लिए सहिया एवं सहिया साथी को भी लोगों में जागरूकता लाने पर जोड़ दिया इस मौके पर जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ सत्यवती हेंब्रम, जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ सिद्धार्थ सान्याल, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ कालिदास मुर्मू, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रतिमा कुमारी, डीवीबीडी कंसलटेंट मुकेश कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक रणधीर कुमार, जिला डाटा प्रबंधक विप्लव बनर्जी के अलावा अन्य मौजूद थे।

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