कोरोना वारियर के रूप में दे रही थी सेवा, इलाज के अभाव में मौत

गांडेय(गिरिडीह) डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को यूं ही भगवान का दर्जा नहीं दिया गया है। वे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:55 PM (IST)
कोरोना वारियर के रूप में दे रही थी सेवा, इलाज के अभाव में मौत
कोरोना वारियर के रूप में दे रही थी सेवा, इलाज के अभाव में मौत

गांडेय(गिरिडीह) : डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को यूं ही भगवान का दर्जा नहीं दिया गया है। वे अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर दूसरों की सेवा करते हैं। गांडेय प्रखंड अंतर्गत केंदुआटांड़ निवासी अजय मरांडी की तीस वर्षीय पत्नी अनिता हेंब्रम इसकी मिसाल है। वे गांडेय सीएचसी में एएनएम के पद पर कार्यरत थीं। वह अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन रात स्वास्थ्य सेवाओं में जुटी रहती थी। कोरोना की महामारी में भी वह दिन रात सेवा में जुटी थी। शनिवार अहले सुबह इलाज के अभाव में पेचिस से उसकी मौत हो गई। दोपहर को उसका शव गांव में लाया गया। इससे परिजनों में शोक व्याप्त है। सभी इस घटना से स्तब्ध हैं। दूसरों को निरोग बनानेवाली के खुद काल के ग्रास में समा जाने से लोग दुखी थे। मरने के तीन दिन पूर्व भी वह वैक्सीनेशन का कार्य कर रही थीं।

13 वर्ष से एएनएम के रूप में दे रही थी सेवा, इलाज के अभाव में हुई मौत : अनिता हेंब्रम बीते 13 वर्ष से स्वास्थ्य सेवा में जुटी थीं। वह 27 अगस्त 2007 से गांडेय सीएचसी में अनुबंध पर एएनएम के पद पर बहाल हुई थी। तब से लगातार गांडेय सीएचसी में वह सेवा दे रही थी। वह नियमित टीकाकरण, प्रसव समेत स्वास्थ्य से संबंधित सभी कायों को करती थीं। इन दिनों वह कोविड 19 के वैक्सीनेशन कार्य में जुटी थी। तीन दिन पूर्व उसे पेचिस हुआ। साथ ही हल्का बुखार भी था। उसके पति उसे इलाज के लिए गिरिडीह ले गए। गिरिडीह के एक निजी क्लिनिक में उसका एक दिन तक इलाज कराया। तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे धनबाद ले गए। धनबाद में किसी भी अस्पताल में उसे भर्ती नहीं लिया गया। वहां से स्वजन उसे बोकारो ले गए। बोकारो में भी उसे किसी अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया। इसी बीच इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। शव के गांव में पहुंचते ही बीडीओ हरि उरांव, सीओ सफी आलम, चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रदीप बैठा, बीपीएम शिवनारायण मंडल आदि पीड़ित परिवार से मिले। उन्होंने स्वजनों को ढांढस बंधाया।

कोरोना वारियर्स के रूप में लगातार जुटी रही सेवा में : एएनएम अनिता हेंब्रम ने कोरोना की विकट परिस्थितियों में भी दिन-रात मरीजों की सेवा की। कोरोना काल में कोरोना जांच व गांव गांव से पॉजिटिव मरीज को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाने का काम किया। जिला प्रशासन के निर्देश पर गिरिडीह के बरहमोरिया में बने आइसोलेशन सेंटर में पॉजिटिव मरीज की देखरेख का कार्य किया। इन दिनों वह कोविड- 19 वैक्सीनेशन कार्य में जुटी थीं। वह लगभग दस दिनों से बड़कीटांड़ पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र व आदिम जाति मध्य विद्यालय में बने कैंप में लोगों को कोविड 19 का टीका लगा रही थी। बीमार होने के दिन भी वह वैक्सीनेशन का कार्य कर शाम को जब घर लौटी तो उसे पेचिस शुरू हुआ था।

एएनएम का कार्य कर परिवार का कर रही थी भरण-पोषण : एएनएम अनिता हेंब्रम दिन-रात मेहनत कर परिवार का भरण-पोषण कर रही थी। उसके परिवार में दो बेटा व एक बेटी है। सभी दस वर्ष से नीचे के हैं। पति भी बेरोजगार हैं। एएनएम से मिलनेवाली राशि से ही वह अपना व परिवार का भरण-पोषण करती थी। अनिता की आकस्मिक मौत से परिवार में भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। अनुबंध पर कार्यरत होने के कारण उसे किसी तरह का लाभ भी फिलहाल नहीं मिल पाया है। स्वजनों ने प्रशासन से सहयोग की अपील की है।

कोरोना जांच के लिए भेजा गया है सैंपल : चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रदीप बैठा ने बताया कि दो दिन पूर्व एएनएम अनिता ने खुद सीएचसी में कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था। उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। उसे पेचिस हुआ था। उसकी मौत कैसे हुई, इसका सही खुलासा नहीं हो पाया है।

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