एक ही सपना, गांव में पक्की सड़क हो अपना

संवाद सहयोगी सियाटांड जमुआ विधान सभा क्षेत्र के जंगरीडीह गांव के ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रही है । यहां के ग्रामीण वर्षो से सड़क को दुरूस्त करने की मांग क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व सासंद विधायक से करते आ रहे हैं। लेकिन ग्रामीणों की मांगे पूरी करने में किसी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई । बताते चलें कि जंगरीडीह से

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 10:00 AM (IST)
एक ही सपना, गांव में पक्की सड़क हो अपना
एक ही सपना, गांव में पक्की सड़क हो अपना

सियाटांड़ : जमुआ विधानसभा क्षेत्र के जंगरीडीह के ग्रामीण आज भी विकास की राह देख रहे हैं। यहां के ग्रामीण वर्षो से सड़क को दुरुस्त करने की मांग क्षेत्र के सांसद व विधायक से करते आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की मांग को पूरा करने में किसी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जंगरीडीह से बिशनपुरा सड़क की दूरी करीब चार किलोमीटर है। बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील रास्ते से होकर चार गांव पथरीटांड़, झलकडीहा, जंगरीडीह व भीमाटांड़ के ग्रामीण प्रतिदिन आवागमन करने को विवश हैं। इस समस्या से गांव के चार हजार लोग प्रभावित हैं।

जमुआ प्रखंड मुख्यालय के अंतिम छोर पर स्थित गांव की सुध लेने की जरूरत किसी ने नहीं समझी है। अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण यहां का विकास भी अंतिम पायदान पर है। ग्रामीण जागो यादव, हेमन महतो, बजरंगी तुरी, सरयू महतो, बंधु महतो, अर्जुन महतो, मंगर महतो आदि ने कहा कि सड़क बनाने की मांग यहां के सांसद, विधायक व जिला परिषद सदस्य से कई बार की जा चुकी है, पर सभी ने आश्वासन ही दिया। चुनाव नजदीक आते ही नेता घूमने लगते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं लेकिन चुनाव में जीत हासिल करते ही सारे वायदे व दावे हवा-हवाई हो जाते हैं। नरसिंह महतो ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चे इसी रास्ते से होकर स्कूल जाते हैं। कई बार स्कूल जाने के क्रम में सड़क में बने गढ्डे में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। माथुर महतो ने कहा कि उक्त सड़क पर आए दिन हादसे की आशंका बनी रहती है। रात के समय राहगीरों व वाहन चालकों को इससे काफी परेशानी होती है।

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