झामुमो के लिए मछली की आंख बना है विधानसभा चुनाव

जागरण संवाददाता गिरिडीह सामने भले ही लोकसभा चुनाव हो लेकिन झामुमो के निशाने पर तो विध

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Mar 2019 12:04 AM (IST) Updated:Thu, 07 Mar 2019 12:04 AM (IST)
झामुमो के लिए मछली की आंख बना है विधानसभा चुनाव
झामुमो के लिए मछली की आंख बना है विधानसभा चुनाव

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: सामने भले ही लोकसभा चुनाव हो, लेकिन झामुमो के निशाने पर तो विधानसभा चुनाव ही है। यही कारण है कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के हुंकार भरने के बाद झामुमो में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से ही फील्डिग सजने लगी है। हेमंत ने एक पखवारे के अंदर गिरिडीह में आधा दर्जन से अधिक बड़ी सभा कर पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है।

लगातार तीन दिनों तक हेमंत ने पहले यहां जिलेभर में संघर्ष यात्रा और बाद में स्थापना दिवस समारोह के बहाने अपने वोटरों को गोलबंद किया। हेमंत की इस गोलबंदी का ही असर है कि झामुमो में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदारों ने अपना अभियान तेज कर दिया है। गिरिडीह जिले की छह विधानसभा सीटों की यदि हम बात करें तो इसमें से तीन सीट ऐसी है जहां झामुमो मजबूत स्थिति में है। इन सीटों में उसकी सीटिग सीट डुमरी, गिरिडीह एवं गांडेय शामिल है। महागठबंधन होने पर भी झामुमो कम से कम इन तीनों सीटों पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं होगा। झामुमो को इसके अलावा राजधनवार में ही संभावना दिख रहा है।

डुमरी में जगरनाथ को खतरा नहीं: डुमरी विधानसभा सीट की चर्चा करें तो वहां मौजूदा विधायक जगरनाथ महतो को पार्टी के अंदर किसी नेता से चुनौती नहीं है। किसी कद्दावर नेता ने इस सीट के लिए दावेदारी नहीं की है। वहीं गिरिडीह विधानसभा सीट से पिछले दो चुनाव से पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुदिव्य कुमार सोनू चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में वे दूसरे नंबर पर रहे थे। तमाम कोशिशों के बावजूद झामुमो यह सीट भाजपा के निर्भय कुमार शाहाबादी से वापस नहीं ले पा रहा है। शाहाबादी पहली बार झाविमो से और दूसरी बार भाजपा से जीते हैं। मुन्ना लाल पहले यहां से झामुमो के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। नेतृत्व से मतभेद के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से झामुमो यहां वापसी नहीं कर सका। हालांकि पिछले चुनाव में सुदिव्य सोनू ने भाजपा का मजबूती से मुकाबला किया।

अब दिनेश यादव भी रेस में: गिरिडीह विस सीट से झामुमो टिकट के दावेदारों में एक बड़ा नाम गिरिडीह नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष दिनेश यादव का जुड़ गया है। दिनेश यादव पिछले साल ही झाविमो छोड़कर झामुमो में शामिल हुए थे। बहुत ही कम समय में उन्होंने खुद को झामुमो में स्थापित कर लिया। संघर्ष यात्रा में गिरिडीह शहर में उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाकर हेमंत का ध्यान खींचने की कोशिश की। दिनेश यादव ने गिरिडीह अथवा गांडेय विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी हेमंत के समक्ष पेश कर दी है। इस दावेदारी से झामुमो की राजनीति गरमा गयी है। इस संबंध में दिनेश यादव ने बताया कि उनकी प्राथमिकता गिरिडीह विस सीट से चुनाव लड़ने की है। वे लंबे समय से गिरिडीह में काम कर रहे हैं। लोगों से सीधा जुड़ाव भी है। यदि पार्टी को गिरिडीह से टिकट देने में परेशानी है तो वे गांडेय से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। वैसे पार्टी का जो भी आदेश होगा, उसका पालन करेंगे।

झामुमो मेरा घर: दिनेश का कहना है कि उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत झामुमो से की थी। बाद में झाविमो में शामिल हो गए थे। इस कारण उन्होंने घर वापसी की है।

गांडेय पर सलखन की पुत्रवधू का भी दावा: वहीं राजधनवार विस सीट से पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी भी इस बार मैदान में ताल ठोकेंगे। राजधनवार विस क्षेत्र में निजामुद्दीन का अपना जनाधार है। इसी तरह गांडेय सीट से दिवंगत पूर्व विधायक सलखन सोरेन की पुत्रवधू कर्मिला टुडू मजबूत दावेदार हैं। वे अपने ससुर की राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं। वहीं जमुआ से पूर्व विधायक बलदेव हाजरा के पुत्र प्रदीप हाजरा दावेदारी कर रहे हैं।

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