मनरेगा में 34 फीसद कमीशन, लाभुक पुत्र ने शिलापट्ट पर किया अंकित

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट - 05 मनरेगा के तहत संचालित कार्यों में लाभुक से कमीशन लिये जाने का मामला प्रकाश में आया है। बेंगाबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी कई पदाधिकारी मुखिया समेत जिला तक कितना कमीशन लिया जाता है इसे उजागर करते हुए बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत पंचायत बड़कीटांड़ उपर टोला के एक लाभुक के पुत्र दिलीप कुमार ने कार्य स्थल के पास लगाये गये शिलापट्ट में अंकित कर किया है साथ ही इसकी शिकायत उपायुक्त को आवेदन देकर भी किया गया है। हालांकि लाभुक दासो महतो को इसकी जानकारी नहीं है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 12:21 AM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 12:21 AM (IST)
मनरेगा में 34 फीसद कमीशन, लाभुक पुत्र ने शिलापट्ट पर किया अंकित
मनरेगा में 34 फीसद कमीशन, लाभुक पुत्र ने शिलापट्ट पर किया अंकित

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) के तहत संचालित योजनाओं में लाभुक से कमीशन लेने का एक और मामला सामने आया है। गिरिडीह स्थित बेंगाबाद के बीडीओ, विभिन्न पदाधिकारियों, मुखिया समेत जिले स्तर तक पर कितना कमीशन लिया जाता है, बेंगाबाद प्रखंड के बड़कीटांड़ ऊपर टोला के एक लाभुक के पुत्र दिलीप कुमार ने इसका ब्यौरा कार्यस्थल के पास लगाए गए शिलापट्ट पर अंकित किया है।

हालांकि लाभुक दासो महतो को इसकी जानकारी नहीं है। इस मामले में लाभुक के पुत्र दिलीप ने उपायुक्त को आवेदन देकर मनरेगा में बढ़ाकर ली गई कमीशन की राशि वापस दिलाने की मांग की है। राशि वापस नहीं होने पर बाध्य होकर आठ जुलाई को समाहरणालय के समक्ष धरना देने की बात कही है। उसने कहा है कि उसके पिता को वर्ष 2018 - 2019 में तीन लाख 52 हजार रुपये की लागत से सिचाई कूप निर्माण का काम मिला। इसमें 24 प्रतिशत कमीशन लिया जाता था, लेकिन अब दस फीसद बढ़ाकर कमीशन लिया जा रहा है।

उपायुक्त को दिए गए आवेदन में दावा किया गया है कि बीडीओ को तीन प्रतिशत, बीपीओ को दो प्रतिशत, ऑपरेटर को एक प्रतिशत, वेंडर को दो प्रतिशत, मुखिया को पांच प्रतिशत, पंचायत सेवक को तीन प्रतिशत, रोजगार सेवक को तीन प्रतिशत, जेई को चार प्रतिशत, एई को एक प्रतिशत यानि कुल 24 प्रतिशत कमीशन पंचायत से लेकर प्रखंड तक में लगता है। इसके अलावा दस प्रतिशत जिले में देना पड़ता है।

इधर बेंगाबाद के बीडीओ कुमार अभिषेक सिंह के अनुसार मनरेगा समेत किसी भी कार्य में किसी तरह का कमीशन नहीं लिया जाता है। रही बात बोर्ड में कमीशन का प्रतिशत अंकित किए जाने की तो इसकी सूचना पर उन्होंने स्थल पर जाकर जांच की। वहां किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं मिला और न ही लाभुक ने ऐसी कोई बात बोर्ड में लिखे जाने की बात कही है। हो सकता है कि किसी शरारती तत्व ने लोगों को बदनाम करने की मंशा से ऐसी हरकत की हो। इसकी फिर जांच होगी।

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