चावल का किल्लत, एमडीएम बंद

गिरिडीह : सरकारी विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना को दुरुस्त करने के लिए विभागीय स्तर से क

By Edited By: Publish:Mon, 08 Feb 2016 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2016 01:00 AM (IST)
चावल का किल्लत, एमडीएम बंद

गिरिडीह : सरकारी विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना को दुरुस्त करने के लिए विभागीय स्तर से कई नई-नई पहल की जा रही है। भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में भी लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ये सारी पहल एवं प्रयास कागजों पर ही सीमित नजर आ रहे हैं। एमडीएम को ले हाल के महीनों में कई नई व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा जा सका है। इन्हीं में एक है स्कूलों तक चावल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करना। यूं तो विद्यालयों में एक भी दिन एमडीएम बंद नहीं करना है, लेकिन चावल व राशि के अभाव में दर्जनों विद्यालयों में इन दिनों एमडीएम बंद रहने की शिकायत मिल रही है। बता दें कि गत माह विभागीय स्तर से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि प्रखंडों से स्कूल तक चावल पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों की होगी। बीईईओ ही अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों तक चावल पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे, जबकि पूर्व में समिति के सदस्यों या शिक्षकों को प्रखंड से चावल का उठाव कर ले जाना पड़ता था।

आदेश का अनुपालन नहीं : बताया जाता है कि बीईईओ के स्तर से उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। आज भी चावल उठाव की पुरानी व्यवस्था ही चल रही है। शिक्षकों या समिति के सदस्यों को प्रखंड मुख्यालय से चावल ले जाना पड़ रहा है। बीईईओ इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई शिक्षकों ने बताया कि चावल खत्म होने की सूचना देने के बाद भी इसे पहुंचाया नहीं गया है, जिस कारण एमडीएम बंद है। मध्य विद्यालय महेशलुंडी में बीते कई दिन से बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिला है। प्रभारी प्रधानाध्यापक सह सचिव शिशिर ने बताया कि चावल नहीं है। इसी वजह से मध्याह्न भोजन बंद है। इसकी सूचना बीईईओ को दे दी गयी है। इसके अलावा गिरिडीह के अलावा अन्य प्रखंडों के विद्यालयों में भी एमडीएम बंद रहने की शिकायत मिली है।

वर्जन

- स्कूलों तक चावल पहुंचाने की व्यवस्था बीईईओ को ही सुनिश्चित करनी है। इस बाबत सभी को निर्देश दिया गया है। शिक्षकों को चावल उठाव के लिए प्रखंड कार्यालय नहीं जाना है। - महमूद आलम, डीएसई।

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