रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण बड़ी बाधा

गिरिडीह : बहु प्रतीक्षित कोडरमा- गिरिडीह रेल परियोजना तीन साल से अधर में है। 94 किमी तक रेल लाइन ब

By Edited By: Publish:Sun, 08 Mar 2015 07:16 PM (IST) Updated:Mon, 09 Mar 2015 03:39 AM (IST)
रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण बड़ी बाधा

गिरिडीह : बहु प्रतीक्षित कोडरमा- गिरिडीह रेल परियोजना तीन साल से अधर में है। 94 किमी तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है वहीं शेष 18 किमी कार्य में भूमि अधिग्रहण बाधक है।

मुख्यालय से सटे सदर और बेंगाबाद अंचल के करीब डेढ़ दर्जन गांवों में भूमि अधिग्रहण कार्य की धीमी गति ने परियोजना की मियाद बढ़ा दी है।

जिला स्तर से अभी 18 में से दस गांव में सर्वे होने के बाद मुआवजा के लिए संबंधित रैयतों की संचिका सरकार के पास भेजी गयी है। इनमें दो को पिछले माह सरकार ने त्रुटियों को सुधार करने का निर्देश देकर लौटा दिया। वहीं जिला भू-अर्जन शाखा ने 9 संचिका के लिए सरकार से मुआवजे के तौर पर तीन अरब 66 करोड़ की मांग की है। किसानों को इस बार नये कानून के तहत जमीन के एवज में बाजार मूल्य से चार गुना कीमत मिलनी है।

जिला स्तर पर अभी भंडारीडीह (बेंगाबाद) में सर्वे का काम पूरा किया जा रहा है। भंडारीडीह गांव में ही मधुपुर-गिरिडीह रेल लाइन से कोडरमा-गिरिडीह लाइन का मिलन होना है। वहीं सदर अंचल के गादी गांव में गिरिडीह न्यू नाम से नया जंक्शन (स्टेशन) का निर्माण होना है। गादी सहित अन्य गांवों में रेल लाइन के लिए जमीन का अधिग्रहण कार्य अभी प्रक्रियाधीन है।

रेल सूत्रों की मानें तो कोडरमा से पहाड़पुर रेल लाइन पर मालगाड़ी का परिचालन भी शुरू है। परियोजना के अवशेष कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य के बाद टेंडर होगा। तत्काल सेनादोनी व पहाड़पुर तक रायल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को रेलवे का काम दिया गया है, काम पूर्ण होने की स्थिति में है। सेनादोनी में रेलवे क्रासिंग बन चुकी है।

-कोडरमा-गिरिडीह रेल परियोजना के लिए सदर अंचल और बेंगाबाद के 18 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। भंडारीडीह गांव में घनी आबादी को देखते हुए सर्वे कार्य में परेशानी हो रही है। अमीन व सर्वे कर्मियों की कमी के कारण अधिग्रहण कार्य में विलंब हो रहा है।

- एसके सिंह, भू-अर्जन पदाधिकारी।

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