संदीप की हत्या में दो को आजीवन कारावास

दुमका वर्ष 14 में कटहल का पत्ता तोड़ने के विवाद में संदीप शर्मा नामक युवक की हत्या करनेवाले विशाल पाल व कमल पाल को शुक्रवार को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने दोषी करार देकर आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि नहीं देने पर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुखराली गांव के दोनों अभियुक्तों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 06:22 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 06:22 PM (IST)
संदीप की हत्या में दो को आजीवन कारावास
संदीप की हत्या में दो को आजीवन कारावास

दुमका : वर्ष 14 में कटहल का पत्ता तोड़ने के विवाद में संदीप शर्मा नामक युवक की हत्या करनेवाले विशाल पाल व कमल पाल को शुक्रवार को

द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने दोषी करार देकर आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि नहीं देने पर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुखराली गांव के दोनों अभियुक्तों को एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

रसिकपुर तेलीपाड़ा के प्रदीप सिंह, विकास सिंह और संदीप शर्मा 6 जुलाई 2014 को बहन की शादी में काम के लिए कटहल का पत्ता तोड़ने के लिए शहर से सटे रेलवे स्टेशन के निकट मुखराली गांव गए थे। विशाल पाल उर्फ पलटू पाल और कमल पाल एवं अन्य ने उन्हें पत्ता तोड़ने से मना किया। इस बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई और देखते ही देखते दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। पेड़ मालिक के परिजनों ने हरवे हथियार से वार कर तीनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल संदीप शर्मा को बेहतर इलाज के लिए धनबाद के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 12 जुलाई को उसकी मौत हो गई थी। संदीप शर्मा की मौत से परिजन के साथ स्थानीय लोग भड़क गए और 13 जुलाई को शव को लेकर दुधानी चौक को जाम कर दिया था। लोगों का कहना था कि हमला केवल इन्ही तीन युवकों पर हुआ था पर पुलिस ने दूसरी ओर से काउंटर प्राथमिकी दर्ज क्यों की। लोग अनुसंधानकर्ता को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए थे। भीड़ ने जब तत्कालीन डीएसपी अनिल कुमार श्रीवास्तव की बात भी नहीं मानी तो लगभग डेढ़ बजे रात में पुलिस कप्तान अनूप टी मैथ्यू मौके पर पहुंचे। हत्या में शामिल एक आरोपित की गिरफ्तारी होने और अन्य आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का भरोसा दिलाकर जाम समाप्त कराया। केस में अभियोजन की ओर से एपीपी सुरेंद्र प्रसाद शर्मा ने 19 गवाहों का बयान कोर्ट में दर्ज करवाया जिसके आधार पर कोर्ट ने मारपीट एवं हत्या के मामले में दोनों अभियुक्तों को सिद्धदोष करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सोमा गुप्ता ने पैरवी की।

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