कठोर कानून से थमेगी ऑनर किलिग

दुमका संताल परगना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की ओर से संचालित मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र की ओर से शुक्रवार को स्नातकोत्तर हिदी विभाग में ऑनर किलिग विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Apr 2019 06:11 PM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2019 06:11 PM (IST)
कठोर कानून से थमेगी ऑनर किलिग
कठोर कानून से थमेगी ऑनर किलिग

दुमका : संताल परगना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की ओर से संचालित मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र की ओर से शुक्रवार को स्नातकोत्तर हिदी विभाग में ऑनर किलिग विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. हनुमान प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक व अमानवीयकृत है। हत्या से कोई सम्मान नहीं होता, बल्कि सामाजिक कलंक और बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे विश्व मे 5000 हत्याएं इसी के नाम से होती हैं। देश में मजबूत कानून नहीं रहने से ऐसी घटनाओं की व्याख्या हत्या के रूप में कर वाद को रफादफा कर दिया जाता है। कॉलेज इंस्पेक्टर डॉ. पीपी सिंह ने कहा कि ऑनर किलिग का मुख्य वजह नैतिकता का पतन है। समाज में आई जाति, वर्ग व धर्म में विकृतियों ने इसको बढ़ाया है। मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि ऑनर किलिग झूठी प्रतिष्ठा के लिए बेटे-बेटियों की हत्या करना है। उनकी सोच व अधिकारों पर अपने अधिपत्य में करना है। झूठे विश्वास, पूर्वग्रहित मानसिकता, पितृसत्तात्मक सोच, आदि ऐसे कारक हैं जो पूरे विश्व में जंगल की आग की तरह फैल रहे हैं। जाति, वर्ग, धर्म, समुदाय या संस्कृति से जुड़े कुत्सित विचार हो या परंपरागत सोच सभी अपने बेटे या बेटियों को मर्जी की जिदगी जीने से रोकती हैं, जो सभ्य समाज में माथे का अमिट कलंक है। खाप पंचायत ऐसे ही हैं जो कानून को हाथ में लेकर ऐसे कारनामें करती हैं। शिक्षा की कमी, जलन, नकारात्मक मनोवृत्ति, के बीच तलाक, अलगाव, बलात्कार ऐसे कारक दिखते हैं, तो उस परिवार व समाज के लोगों में ऐसा अंधविश्वास घर कर जाता है। स्वस्थ राजनीति के साथ कठोर कानून बनाकर पूरे देश में सख्ती के साथ लागू करने की भी आवश्यकता है। मंच संचालन यदुवंश ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजय शुक्ल ने किया। कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक मुकेश मंडल, रूपम कुमारी सहित कई छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

परीक्षा केंद्र के नाम से अलग खाता खोलने की मांग : डॉ रंजीत

दुमका : सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के सिडिकेट सदस्य डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने शुक्रवार को कुलसचिव डॉ. डीएन सिंह को ज्ञापन सौंपकर विवि के अंतर्गत आनेवाले सभी कॉलेज एवं पीजी में परीक्षा केंद्र के लिए अलग एक बैंक खाता खोले जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विवि के द्वारा प्रत्येक परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र के साथ एक केंद्राधीक्षक भी बनाया जाता हैं। परीक्षा में होने वाले खर्च के लिए अग्रिम राशि भी दी जाती है, जो केंद्राधीक्षक के नाम से राशि उनके निजी बैंक खाता में जमा हो जाता है। वित्तीय व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ ही इस राशि का निजी लाभ न हो, आयकर को लेकर उसपर कोई संदेह नहीं हो आदि को ध्यान में रखकर निर्णय लेने के लिए आग्रह किया है।

बसंतराय कॉलेज को नहीं मिला संबंधन का विस्तार

दुमका : विवि में प्रति कुलपति डॉ. हनुमान प्रसाद शर्मा की अध्यक्षता में हुई एफिलिएशन कमेटी की बैठक में संत जेवियर कॉलेज, महारो, मधुस्थली इंस्टीटयूट ऑफ टीचर ट्रेनिग, मधुपुर और गोड्डा के बसंतराय स्थित मौलाना अब्दुल कलाम आजाद महाविद्यालय को एफिलिएशन का विस्तार देने को लेकर चर्चा की गई। संत जेवियर को कला व वाणिज्य के अलावा बीबीए, बीसीए का संबंधन तीन सत्र में करने के लिए अनुमोदित किया गया। वहीं मधुस्थली को भी तीन सत्र के लिए संबंधन का दीर्घीकरण किया गया। इन दोनों कॉलेजों के संबंधन का अंतिम आदेश लेने के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। विवि प्रबंधन यहां से संचिका एचआरडी को भेजती है, अंतिम संबंधन सरकार ही देती है। यहां बता दें कि संबंधन देने के पूर्व समिति के द्वारा सभी कॉलेजों का निरीक्षण किया गया था। गोड्डा के बसंतराय कॉलेज को संबंधन के लिए बैठक में अनुमोदित नहीं किया गया। कॉलेज निरीक्षक डॉ. पीपी सिंह ने बताया कि निरीक्षण एवं संबंधन देने के पूर्व संबंधित कॉलेज ने फीस के रूप में 50 हजार जमा करना पड़ता है। बसंतराय कॉलेज प्रबंधन ने निर्धारित फीस जमा नहीं की। इसलिए उस कॉलेज का संबंधन के दीर्घीकरण पर विचार नहीं किया गया। वहीं बसंतराय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रूसतम अली ने बताया कि फीस तीन अप्रैल को कॉलेज निरीक्षक के बैंक खाता में जमा कर दी गई थी। रसीद की कॉपी उनके मोबाइल पर भेजने के बाद छायाप्रति भी उपलब्ध करा दी गई। समझ में नहीं आ रहा है कि कॉलेज निरीक्षक ने ऐसा क्यों कह रहे हैं। कॉलेज को डिग्री सत्र 2019-22 के लिए संबंधन दिया जाना था। बैठक में डीन ऑफ साइंस डॉ. सिकंदर प्रसाद यादव, डीन ऑफ सोशल साइंस डॉ. वाईपी राय, सीसीडीसी डॉ. शंभूनाथ मिश्र, महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ. पुष्पा रानी प्रसाद व गणित विभागाध्यक्ष डॉ. डीएन गोराई शामिल थे।

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