रिश्तेदारों को घर भेजने की जिला प्रशासन से गुहार

मसलिया एक शादी में शामिल होने के लिए आए असम के नौ लोग रिश्तेदार के घर में बीते दो माह से फंसे हुए हैं। पूरी तरह से सुविधा विहीन हो चुके लोगों ने मंगलवार को जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है। प्रखण्ड के बेलियाजोड़ पंचायत के चित्रसेनी गांव के मंगल मुर्मू के घर में 20 मार्च को शादी थी। शादी में उसके रिश्तेदार असम के बास्का जिला के तामुलपुर प्रखंड के दक्षिण रांगापानी गांव के राकेश टुडू फातु टुडू सोनाडी मार्डी छोटो टुडू रुबिराम सोरेन मोहन मार्डी सुमि बास्की रमेश मार्डी व डेना हेम्ब्रम आए थे। उनके आने के तीन दिन बाद लॉकडाउन लागू हो गया। जिस कारण वे घर वापस नहीं जा सके। रिश्तेदारों ने किसी तरह से सभी के खानपान की व्यवस्था की। इसमें इन लोगों का सारा पैसा भी खर्च हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 04:15 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 06:22 PM (IST)
रिश्तेदारों को घर भेजने की जिला प्रशासन से गुहार
रिश्तेदारों को घर भेजने की जिला प्रशासन से गुहार

फोटो 013

जिला प्रशासन से घर भेजने का किया अनुरोध

मार्च में शादी समारोह में आए थे रिश्तेदार के घर

संवाद सूत्र मसलिया : एक शादी में शामिल होने के लिए आए असम के नौ लोग रिश्तेदार के घर में बीते दो माह से फंसे हुए हैं। पूरी तरह से सुविधा विहीन हो चुके लोगों ने मंगलवार को जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है।

प्रखण्ड के बेलियाजोड़ पंचायत के चित्रसेनी गांव के मंगल मुर्मू के घर में 20 मार्च को शादी थी। शादी में उसके रिश्तेदार असम के बास्का जिला के तामुलपुर प्रखंड के दक्षिण रांगापानी गांव के राकेश टुडू, फातु टुडू, सोनाडी मार्डी, छोटो टुडू, रुबिराम सोरेन, मोहन मार्डी, सुमि बास्की, रमेश मार्डी व डेना हेम्ब्रम आए थे। उनके आने के तीन दिन बाद लॉकडाउन लागू हो गया। जिस कारण वे घर वापस नहीं जा सके। रिश्तेदारों ने किसी तरह से सभी के खानपान की व्यवस्था की। इसमें इन लोगों का सारा पैसा भी खर्च हो गया। अब तो इनके पास पैसा भी नहीं बचा है। सभी लोग अपने घर जाना चाहते हैं। पैसा न होने के कारण वाहन की व्यवस्था नहीं हो रही है, रिश्तेदार भी मदद करने में सक्षम नहीं है। सभी ने मुखिया शैलेंद्र टुडू के माध्यम से जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है। मुखिया ने बताया कि सभी लोगों के पास घर जाने लायक पैसा नहीं बचा है। लाकडाउन में रिश्तेदार भी मदद करने की स्थिति में नहीं है। बीडीओ को आवेदन देकर मदद की गुहार लगायी है। वर्जन

असम से आए लोग मजदूर नहीं है। रिश्तेदारी में दुमका आए थे। जिला से कोई वाहन असम नहीं जाता है। इसलिए मदद कर पाना संभव नहीं है। ट्रेन चलने की स्थिति में ही घर जा सकते हैं।

संजय कुमार, बीडीओ मसलिया

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