संत रविदास ने जगाया, शिवाजी ने जीना सिखाया

राजद ने मनाया संत रविदास की जयंती

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 07:20 PM (IST)
संत रविदास ने जगाया, शिवाजी ने जीना सिखाया
संत रविदास ने जगाया, शिवाजी ने जीना सिखाया

जागरण संवाददाता, दुमका : संत शिरोमणि रविदास और क्षत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मंगलवार जिले में धूमधाम से मनाई गई। विद्यार्थी परिषद के जिला कार्यालय में संत शिरोमणि गुरु रविदासजी एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर विभाग प्रमुख डॉ. संजीव कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि संत समाज के दर्पण होते हैं और रविदास बहुत ही ज्ञानी एवं दानी प्रवृत्ति के संत थे। उनकी रचनाएं समाज समाज के उत्थान मैं काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संगठन मंत्री सुजीत वर्मा ने कहा कि छत्रपति शिवाजी के शासन काल में मराठा साम्राज्य का काफी विस्तार हुआ। वीर शिवाजी बहुत ही प्रतापी शासक थे। जीवन भर मुगलों के सामने घुटने नहीं टेका और न ही मुगलों की अधीनता स्वीकार की।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सौरभ सिन्हा, मनीष यादव, करण कुमार, नितेश कुमार, विक्रम दास, नवल कुमार, नेहाल झा, जयराम, उपेंद्र, अíचत कुमार, सुब्रतो मंडल, सचिन कुमार दे, अंकित ¨सह, यश राजपूत, कुमार शुभम, शंकर चौधरी, रमेश हांसदा, अजय हांसदा, साहिब राम, आनंद सोरेन, गुलशन, संजय टुडू जूलियस मरांडी, छोटू मुर्मू, रंजीत टुडू देवीलाल हांसदा, सुबोध मरांडी, साइमन मरांडी आदि उपस्थित थे।

शिवपहाड़ स्थित वेस्टर्न इंग्लिश स्कूल में जंयती पर कार्यक्रम व चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संत की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के बाद सचिव अजय कुमार दुबे ने कहा कि सभी को कर्म को श्रेष्ठ समझकर निष्ठा के साथ काम करना चाहिए। महान संत के मार्ग का अनुकरण करना चाहिए। चित्रांकन प्रतियोगिता में अनुश्री, खुशी, वर्षा, शिवानी, कृति व शारदा ने भाग लिया। शारदा ने पहला और इंद्रजीत ने दूसरा स्थान हासिल किया। मौके पर राजेश झा, रोमेन दे, अर्जुन यादव, इंद्रजीत पंडित आदि शामिल थे।

इधर राजद के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र यादव की अध्यक्षता में जयंती मनायी गई। अमरेंद्र ने कहा कि संत रविदास उन महान संतों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका विश्वास था कि राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम है। वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों में एक ही परमेश्वर का गुणगान किया गया है। इसलिए जातिवाद को त्याग कर प्रेम से रहने की शिक्षा दी है। रैदास के पद व दोहे प्रभुजी तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग अंग बास समानी और मन चंगा तो कठौती में गंगा जीवन के अमूल्य सीख देते हैं।

जितेश कुमार दास ने कहा कि रविदास जी का विचार था कि निर्मल मन में ही भगवान वास करते हैं। हमारे कर्म सदैव ऊंचे होने चाहिए। कार्यक्रम में जितेश कुमार दास, विष्णु यादव, दिनेश कुमार मिश्र, किशोर यादव, नरेंद्र यादव, वीरेंद्र यादव सहित कई लोग मौजूद थे।

रासिकपुर के दास पाड़ा में संत रविदास की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में सिदो कान्हु मुर्मू विवि के परीक्षा नियंत्रक थे। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में संताल परगना कॉलेज के शिक्षक द्वय डॉ शम्भू कुमार ¨सह व डॉ विनोद कुमार शर्मा उपस्थित थे। परीक्षा नियंत्रक राजकुमार झा ने कहा कि संत रविदास के जीवन से हमे बिना भेदभाव के प्रेम से रहने की शिक्षा मिलती है। डॉ. शंभू ने जीवन दर्शन पर विस्तृत प्रकाश डाला। डॉ. विनोद शर्मा ने कहा कि संत रविदास मूलत कवि, संत व समाज सुधारक थे। हमे उनके पदचिन्हों पर चलते हुए सामाजिक समरसता की राह चलना है। कार्यक्रम का संचालन जतिन कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन अजय दास ने किया। सामाजिक कार्यकर्ता संपा दास ने संत रविदास की मूíत शहर के चौराहे पर लगाने की मांग की। छात्रों में सुजाता दास, रेखा दास, रीमा दास, रुनकी दास आदि छात्र भी उपस्थित थे।

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