पंचायत प्रतिनिधियों ने किया स्थापना दिवस का बहिष्कार

दुमका : राज्य सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं दिए जाने के कारण नाराज जिले के सभी प्रतिनिधियों ने गुरुवार को स्थापना दिवस का बहिष्कार किया और किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 06:41 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 06:41 PM (IST)
पंचायत प्रतिनिधियों ने किया स्थापना दिवस का बहिष्कार
पंचायत प्रतिनिधियों ने किया स्थापना दिवस का बहिष्कार

दुमका : राज्य सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं दिए जाने के कारण नाराज जिले के सभी प्रतिनिधियों ने गुरुवार को स्थापना दिवस का बहिष्कार किया और किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की।

जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल ने कहा कि सरकार ने चुनाव तो करा दिया लेकिन पंचायत प्रतिनिधि और जिप सदस्यों की उपेक्षा करती रही। जो अभी अधिकार दिया गया, वह कागज तक ही सीमित है। पदाधिकारी द्वारा कार्य अधिकार का उल्लंघन किया जाता है और शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है। पारा शिक्षक, जलसहिया, आंगनबाड़ी सेविका आदि को अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। पंचायत में स्वयंसेवक की बहाली के बाद सरकार ने कहा था कि अब विकास की गाड़ी दौड़ेगी लेकिन दौड़ना तो दूर चल भी नहीं सकी। प्रतिनिधि अधिकार के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। कई बार आंदोलन तो किया गया लेकिन कोई हल नहीं निकला। सरकार की इसी कार्यशैली की वजह से सभी को स्थापना दिवस का बहिष्कार करना पड़ा। सरकार अधिकार दे या फिर दोनों समितियों को भंग कर दें। इधर काठीकुंड प्रखण्ड के 12 पंचायत के मुखिया कलम बंद हड़ताल पर रहे, जिस कारण पंचायत में कार्य प्रभावित रहा। मुखिया होपना किस्कू ने बताया कि जिलाध्यक्ष के निर्देश पर सभी मुखिया कलम बंद हड़ताल पर रहे। आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति संचालन पर रोक लगाने समेत 15 मांगों को लेकर हड़ताल की गई है।

जबकि गोपीकांदर प्रखण्ड में सात पंचायत के मुखिया हड़ताल पर रहे।

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