धर्मातरित आदवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं दे सरकार

दुमका जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने बताया कि धर्मातरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने सहित अपने पांच सूत्री मांग को लेकर समिति के तत्वाधान में बुधवार को दुमका के तीरंदाजी मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया है। इसमें संताल परगना प्रमंडल से पंद्रह हजार आदिवासी भाग ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 07:41 PM (IST)
धर्मातरित आदवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं दे सरकार
धर्मातरित आदवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं दे सरकार

दुमका : जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने बताया कि धर्मातरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने सहित अपने पांच सूत्री मांग को लेकर समिति के तत्वाधान में बुधवार को दुमका के तीरंदाजी मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया है। इसमें संताल परगना प्रमंडल से पंद्रह हजार आदिवासी भाग ले रहे हैं। जो शोभायात्रा निकाल कर आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे। कहा कि आजादी के पूर्व अंग्रेजों द्वारा स्थापित चर्चा की आड़ में जनजाति समाज का धर्मातरण कर हमारी पहचान मिटाने की कोशिश प्रारंभ की गई थी जो आज भी जारी है। ईसाई मिशनरियां झारखंड में जनजाति समाज के लाखों एकड़ जमीन पर स्कूल एवं अस्पताल के नाम पर हजारों चर्च निर्माण कर चुकी हैं। सभी चर्च आदिवासियों को धर्मातरित कर इसाई बनाने में लगे हैं। धर्मातरित ईसाई (अल्पसंख्यक) अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र के आधार पर जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर हजारों नौकरियां प्राप्त कर चुके हैं। उनकी मांग है कि जो भी जनजाति धर्मातरित हो गए हैं सरकार उन्हें अल्पसंख्यक जाति घोषित करें। जनजातियों की पुरानी रीति रिवाज, पूजा पद्धति एवं परम्परा को मानने वालों को ही अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाणपत्र दिया जाए और धर्मातरित जनजाति (ईसाई) को जनजाति आरक्षण से वंचित किया जाय। जनजाति सुरक्षा मंच के प्रमडलीय संरक्षक महादेव किस्कू, जिला संयोजक सुनिल मरांडी, सदस्य विमल मरांडी और हिन्दू जागरण के प्रदेश उपाध्यक्ष रवींद्र टुडू मौके पर मौजूद थे।

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