मंदिर से ई-पास मिलने के बावजूद नहीं आ रहे श्रद्धालु

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में पहुंचने वाले भक्तों कि खुशी का ठिकाना उस वक्त नहीं रहता जब वह संस्कार मंडप के रास्ते मंदिर के पूर्वी द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं। इस दौरान बाबा बासुकीनाथ एवं माता पार्वती के शिखर पर लहरा रहे ध्वज को देखते ही हर-हर महादेव जय मां पार्वती के जयकारे लगाने लगते हैं। आश्विन मास कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि दिन सोमवार को विभिन्न जगहों से आए यात्रियों ने ई-पास के माध्यम से कतारबद्ध होकर बाबा बासुकीनाथ का दर्शन किया। ऑनलाइन माध्यम से ई-पास के जरिये महज 65 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 06:57 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 06:57 PM (IST)
मंदिर से ई-पास मिलने के बावजूद नहीं आ रहे श्रद्धालु
मंदिर से ई-पास मिलने के बावजूद नहीं आ रहे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में पहुंचने वाले भक्तों कि खुशी का ठिकाना उस वक्त नहीं रहता जब वह संस्कार मंडप के रास्ते मंदिर के पूर्वी द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं। इस दौरान बाबा बासुकीनाथ एवं माता पार्वती के शिखर पर लहरा रहे ध्वज को देखते ही हर-हर महादेव, जय मां पार्वती के जयकारे लगाने लगते हैं। आश्विन मास कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि दिन सोमवार को विभिन्न जगहों से आए यात्रियों ने ई-पास के माध्यम से कतारबद्ध होकर बाबा बासुकीनाथ का दर्शन किया। ऑनलाइन माध्यम से ई-पास के जरिये महज 65 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। जबकि बगैर ई-पास के पहुंचे स्थानीय श्रद्धालुओं को भी मंदिर परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया गया। इस दौरान ई-पास के माध्यम से आने वाले सभी भक्तों को पहले संस्कार मंडप में बने ऑटोमेटिक सैनिटाइजर गेट के माध्यम से संस्कार मंडप में प्रवेश कराया गया। जहां मंदिरकर्मियों ने थर्मल स्क्रीनिग के माध्यम से उनके स्वास्थ्य जांच के उपरांत ही उन्हें संस्कार मंडप के रास्ते मन्दिर परिसर में प्रवेश होने दिया। प्रात:कालीन पूजा सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त बेला में अन्य दिनों की भांति मंदिर के पुजारी दिनेश झा ने मंदिरकर्मी गणेश झा उर्फ बोंगा बाबा, सहायक प्रबंधक सुभाष राव, मन्दिर गार्ड व पुलिस कर्मी की मौजूदगी में बाबा मंदिर, पार्वती मंदिर एवं काली मंदिर के कपाट खोले। गर्भगृह में रात्रि श्रृंगार के पूजन सामग्री व पूजन अपशिष्टों को हटाने के बाद गर्भगृह की गंगा जल व चन्द्रकूप के जल से सफाई की गई। इसके उपरांत सुबह पांच बजे के करीब पुजारी दिनेश झा ने प्रात:कालीन पुरोहित पूजा की। सुबह ठीक सात बजे ई-पासधारी श्रद्धालुओं को संस्कार मंडप में प्रवेश कराया गया। दोपहर 11 बजे के उपरांत श्रद्धालुओं का प्रवेश बन्द कर दिया गया। दोपहर की विश्राम पूजा सह श्रृंगार पूजा के बाद ढ़ाई बजे के करीब मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।

160 ने लिया था पूजा पास . सुबह 7 से 8 तक - 40 श्रद्धालु

. सुबह 8 से 9 तक - 40 श्रद्धालु

. सुबह 9 से 10 तक -40 श्रद्धालु

. सुबह 10 से 11तक-40 श्रद्धालु 65 यात्रियों ने किया दर्शन . सुबह 7 से 8 बजे तक-16 यात्री

. सुबह 8 से 9 बजे तक- 20 यात्री

. सुबह 9 से 10 बजे तक- 18 यात्री

. सुबह 10 से 11 तक- 11 यात्री ने ई-पास के जरिये प्रवेश किया

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