दैनिक जागरण की पहल पर जलसंचयन के साथ पौधारोपण

बासुकीनाथ जरमुंडी के डुमरथर स्कूल में दैनिक जागरण की पहल पर अब जलसंचयन की मुहिम के बाद पौधारोपण की भी मुहिम शुरू हो गई है। विद्यालय में पौधारोपण की योजना के बाद गांव में भी पौधारोपण की योजना बनाई गई है। इसको लेकर गुरुवार को विद्यालय के प्रधानाध्यापक सपन कुमार ने विद्यालय में पौधारोपण के बाद आसपास के ग्रामीणों के बीच पौधा वितरित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 06:09 PM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 06:09 PM (IST)
दैनिक जागरण की पहल पर जलसंचयन के साथ पौधारोपण
दैनिक जागरण की पहल पर जलसंचयन के साथ पौधारोपण

बासुकीनाथ : जरमुंडी के डुमरथर स्कूल में दैनिक जागरण की पहल पर अब जलसंचयन की मुहिम के बाद पौधारोपण की भी मुहिम शुरू हो गई है। विद्यालय में पौधारोपण की योजना के बाद गांव में भी पौधारोपण की योजना बनाई गई है। इसको लेकर गुरुवार को विद्यालय के प्रधानाध्यापक सपन कुमार ने विद्यालय में पौधारोपण के बाद आसपास के ग्रामीणों के बीच पौधा वितरित किया गया। सपन कुमार ने ग्रामीणों से पूरे गांव में हरियाली लाने व अधिक से अधिक पौधरोपण करने एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी से प्रत्येक वर्ष दो-दो पौधा लगाने की अपील किया। विद्यालय के शिक्षकों व छात्रों ने विद्यालय में हरियाली लाने के बाद अब विद्यालय परिसर के बाहर, गांव में भी हरियाली लाने का निर्णय लिया। गुरुवार को 50 से अधिक पौधा का वितरण किया गया।

एक बूंद जल नहीं होगा बर्बाद

मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहा कि दैनिक जागरण के पहल पर विद्यालय में जलसेना का गठन किया गया और बच्चों ने निर्णय लिया है कि विद्यालय से एक भी बूंद जल को बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। पुन: गुरुवार को विद्यालय परिवार ने निर्णय लिया गया कि डुमरथर में भी जलसंचयन और पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधा लगाना जरूरी है। दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान की काफी सराहना की और इसे डुमरथर में भी उतारने का संकल्प लिया। कहा कि विद्यालय के चप्पे-चप्पे पर सभी के सहयोग से हरियाली छाई हुई है। विद्यालय में मिट्टी की जगह पत्थर कंकड़ था, जिसे विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मेहनत कर हटा दिया और इसके जगह बाहर से मिट्टी लाकर भरा गया। ग्रामीणों द्वारा सहयोग के गोबर खाद से पथरीली जमीन को हरियाली में परिवर्तित कर दिया है। आज विद्यालय हरा विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। अब विद्यालय के शिक्षकों, छात्रों, ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि डुमरथर गांव को भी हरा भरा करना है। इसके लिए सार्थक पहल शुरू कर दी गई। ग्रामीणों के बीच गुलमोहर, कदम, अशोक, अमरूद, शीशम सागवान, अमरूद के पौधा का वितरण किया गया। कहा गया कि पेड़ पौधा के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज पर्यावरण में जो परिवर्तन हुआ है इसके पीछे सबसे बड़ा कारण पेड़ पौधा का लगातार कमी होना है। यदि समय रहते हम लोग नहीं चेते तो इसका दुष्परिणाम सभी को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जुलाई के पूरा महीना बीत गया फिर भी वर्षा भरपूर नहीं होना यह दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन का असर होने लगा है। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामविलास मुर्मू ने कहा कि इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक के योगदान के बाद विद्यालय का चप्पा-चप्पा हरा-भरा हो गया है पूर्व के वर्षो में यहां एक भी पेड़ पौधा नहीं था। अब सभी के सहयोग से गांव को भी हरा-भरा करना है। इसके लिए सभी ग्रामीणों से सहयोग करने की अपील की। इस मौके पर डेजी कुमारी, ग्रामप्रधान बबुआ मुर्मू, ग्रामीण पलटन हांसदा, रसिकलाल मरांडी, पवन लाल मुर्मू, बीरेंद्र कापरी, रोहित कापरी, विकास मरांडी, भरत कापरी, बाबूलाल मरांडी, धनी बास्की, लिल्मुनी किस्कू, रसिफुल मुर्मू, रसिक मुर्मू, गौरीशंकर कापरी, सुशील कापरी, बाल संसद के सदस्य सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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