केंद्र सरकार की गलत आíथक नीति के विरोध में बंद रहे बैंक व बीमा कंपनी

दुमका केंद्र सरकार की गलत आíथक नीति। बैंकों के निजीकरण पुराना पेंशन योजना लागू कर नई राष्ट्रीय पेंशन योजना बंद करने। जनविरोधी मोटर वाहन कानून वापस लेने जैसे मुद्दों को लेकर उपराजधानी दुमका में 20 बैंक के 74 शाखा में ताला लटका रहा। जीवन बीमा निगम के दफ्तर में भी कामकाज ठप रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 05:27 PM (IST)
केंद्र सरकार की गलत आíथक नीति के विरोध में बंद रहे बैंक व बीमा कंपनी
केंद्र सरकार की गलत आíथक नीति के विरोध में बंद रहे बैंक व बीमा कंपनी

दुमका : केंद्र सरकार की गलत आíथक नीति। बैंकों के निजीकरण, पुराना पेंशन योजना लागू कर नई राष्ट्रीय पेंशन योजना बंद करने। जनविरोधी मोटर वाहन कानून वापस लेने जैसे मुद्दों को लेकर उपराजधानी दुमका में 20 बैंक के 74 शाखा में ताला लटका रहा। जीवन बीमा निगम के दफ्तर में भी कामकाज ठप रहा। झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने प्रतिवाद दिवस के रूप में मनाया। राष्ट्रव्यापी बंदी के कारण बैंकों में तकरीबन चार से पांच करोड़ का लेन-देन प्रभावित रहा। स्टेट बैंक इस हड़ताल से बाहर रहा। एटीएम और आनलाइन लेन-देन चलता रहा। आजकल तो सभी बैंकों का चेक क्लियरेंस सीटीएस के तहत सेंट्रलाइज होने लगा है। बावजूद ग्राहकों को परेशानी हुई। बैंक और बीमा कंपनी के दफ्तर के आगे कर्मियों ने सरकार के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।

बैंकों के विलय का विरोध

इलाहाबाद बैंक, ग्रामीण बैंक, पीएनबी, यूनाइटेड बैंक, सिडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, देना बैंक, आइडीबीआइ समेत 20 बैंक के 74 शाखा में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। शाखा के गेट पर ताला लटका रहा। ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक अशीष कुमार एवं अमन कुमार जोशी ने हड़ताल को पूर्णतया सफल बताया। और कहा कि सरकार की आíथक नीति गलत है। बैंकों का लगातार विलय किया जा रहा है। उसका निजीकरण किया जा रहा है। सरकार के इसी जनविरोधी नीति के खिलाफ हड़ताल किया गया है। यहां अजय कुमार, प्रवीर सेनगुप्ता, दानीनाथ झा, मनोज कुमार, रूपम पांडेय, तापस कुमार, सरोज कुमार, सचिन कुमार, मनीष मनोहर। उधर बीमा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सर्वेश टुडू ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करे। जो वेतन समझौता हुआ है वह भी अभी तक लागू नहीं हो सका है। न्यूनतम वेतन 21 हजार करने की मांग भी इस हड़ताल के माध्यम से की गई है। कामरेड राजकिशोर प्रसाद हांसदा, सुलेमान मुर्मू, अरविद कुमार, अजय कुमार सिन्हा, अशोक कुमार, अमित कुमार दास ने जोरदार प्रदर्शन किया।

झारखंड परिवहन मजदूर यूनियन के बैनर तले प्राइवेट बस पड़ाव में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। यूनियन के सचिव अमरेश कुमार सिन्हा की अगुवाई में यूनियन कार्यालय के समक्ष सरकार के प्रति विरोध जताया गया। महामंत्री अखिलेश कुमार झा ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार जनविरोधी है। गलत नीतियों के कारण ही आज देश की अर्थव्यवस्था खराब होती जा रही है। रोजगार समाप्त किया जा रहा है। राष्ट्रीय परिसंपत्तियों को देश व विदेश के पूंजीपतियों के हाथों सौदा किया जा रहा है। मोटर वाहन कानून में संशोधन कर परिवहन उद्योग को कॉरपोरेट के हाथों सौंपने की साजिश बताया। देवी सिंह पहाड़िया, सनातन देहरी, संजय घोष, विष्णु दास, अवधेश देहरी समेत अन्य मौजूद थे।

न्यूनतम पेंशन हो दस हजार

झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की दुमका ईकाई की ओर से 12 सूत्री मांगों के समर्थन प्रतिवाद दिवस मनाया गया। कर्मचारियों ने पूरे देश में प्रतिवाद किया है। अनुबंध, मानदेय, ठेका, आउटसोíसंग प्रथा बंद करने, प्रतिमाह पेंशन दस हजार करने की मांग की गई है। इसके साथ ही श्रम कानून में प्रबंधन पद्धति बदलाव पर रोक लगाया जाए। बैंकों के विलय पर रोक हो। ट्रेड यूनियन के अधिकार पर हमला करना बंद किया जाए। कार्यक्रम में महासंघ के संरक्षक लालदेव मिश्र, राज्य संयोजिका आशा झा, रानी सोरेन, मनोज कुमार, राजकुमार साह, हरिशंकर पासवान, कला देवी, संजू कुमारी समेत अन्य की मौजूदगी थी।

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